अहिल्या नगर में कांग्रेस को यूबीटी का झटका (सौजन्यः सोशल मीडिया)
AhilyaNagar News: स्थानीय निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में राज्य में सियासी घमासान तेज होने लगा है. आलम यह है कि सियासी दल अब अपने सहयोगियों के खेमे में ही सेंध लगाने लगे हैं. ऐसा ही कुछ विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) में देखने को मिला है. मविआ में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अहिल्यानगर में कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है.
अहिल्यानगर कांग्रेस शहर अध्यक्ष मनोज गुंदेचा, अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष अनीस चूड़ीवाला, महिला जिला अध्यक्ष उषा भगत, महिला जिला उपाध्यक्ष शैला लांडे अपने साथियों के साथ शनिवार को उद्धव की पार्टी ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ (यूबीटी) के सदस्य बन गए. उद्धव ने अपने निवास ‘मातोश्री’ उक्त सभी नेताओं की कलाई पर शिवबंधन बांधकर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर लिया.
इस अवसर पर शिवसेना नेता सांसद संजय राऊत, शिवसेना नेता सचिव विनायक राऊत, अहिल्यानगर शहर अध्यक्ष किरण काले सहित अन्य पदाधिकारी और शिवसैनिक उपस्थित थे. नगर निगम चुनावों की पृष्ठभूमि में अहिल्यानगर शहर कांग्रेस उपरोक्त प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पहले ही महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल को अपना इस्तीफा भेज दिया था. इन नेताओं का पार्टी छोड़ना कांग्रेस और खासकर पूर्व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि सामूहिक इस्तीफा देने वाला समूह पूर्व कांग्रेस और अब यूबीटी के शहर प्रमुख किरण काले के समर्थक थे.
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नगर निगम की वार्ड संरचना के प्रारूप पर दर्ज आपत्तियों पर शुक्रवार को जिला कलेक्टर डॉ. पंकज आसिया ने सुनवाई की। सुनवाई में 36 आपत्तिकर्ता उपस्थित हुए। जिला कलेक्टर सुनी गई आपत्तियों पर अपनी राय व्यक्त करेंगे। इसके बाद वार्ड संरचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी।
आगामी आम चुनावों की पृष्ठभूमि में राज्य सरकार के आदेशानुसार, मनपा ने राज्य चुनाव आयोग की स्वीकृति के अनुसार एक प्रारूप निर्वाचन क्षेत्र योजना तैयार की और उसे 3 सितंबर को प्रकाशित किया। इस प्रारूप निर्वाचन क्षेत्र योजना पर सांसद नीलेश लंका, दिलीप सातपुते, किरण काले, नीलेश म्हसे, एडवोकेट अभिजीत पुप्पल, महावीर पोखरना, दिगंबर जेंटाइल, दिलीप सातपुते, किरण काले, तगा शिंदे, महावीर पोखरना, एडवोकेट अभिजीत पुप्पल, दिगंबर जेंटाइल आदि सहित 40 लोगों ने 15 सितंबर तक आपत्तियां दर्ज कराई हैं।