मुख्यमंत्री - माझी लड़की बहिन योजना, कॉन्सेप्ट फोटो
नवभारत डेस्क : मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के अंतर्गत अपात्र महिलाओं की संख्या 9 लाख हो जाएगी। इससे पहले आर्थिक मापदंडों के आधार पर 5 लाख महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया था। अब इसमें 4 लाख महिलाओं का और समावेश होने जा रहा है।
बताया जा रहा है कि इससे राज्य सरकार को 945 करोड़ रुपये की बचत होगी। 5 लाख महिलाएं नमो शेतकरी योजना और लाडली बहन योजना का लाभ उठा रही हैं। इन महिलाओं को लाडली बहन योजना से केवल 500 रुपये मिलेंगे, जबकि नमो शेतकरी योजना से उन्हें 1000 रुपये मिलेंगे।
दिव्यांगजन विभाग से लाभ पाने वाली महिलाओं को योजना से बाहर रखा जाएगा। 2.5 लाख महिलाएं ऐसी हैं जो वाहन चलाती हैं, उन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है। इसके साथ ही कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो मापदंडों पर खरी नहीं उतरती हैं और उन्होंने यह पैसा वापस करना शुरू कर दिया है।
सरकार अब योजना के लिए नये मापदंड लागू करेगी। सरकार अब यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने जा जा रही रही है कि योजना का लाभकेवल पात्र महिलाओं को ही मिले। योजना की महिला लाभार्थियों को हर साल जून महीने में बैंक के साथ ई-केवाईसी पूरा करना होगा और जीवन प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा. ई-केवाईसी हर साल 1 जून से 1 जुलाई के बीच करवाना होगा।
सबसे अधिक 29 प्रतिशत लाभार्थी 30-39 साल की आयु वर्ग से हैं, इसके बाद 25.5 प्रतिशत 21-29 की आयु वर्ग से और 23.6 प्रतिशत 40-49 साल की आयु वर्ग से हैं। 60 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं की संख्या केवल 5 प्रतिशत है। यह योजना पिछले साल जुलाई में शुरू की गई थी।
विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में आने के बाद कहा कि वादा निभाया जाएगा और आने वाले बजट में इस आशय की घोषणा की उम्मीद है। नई महायुति सरकार ने अयोग्य लाभार्थियों को हटाने के लिए समीक्षा का आदेश दिया. अब तक, 5 लाख लाभार्थियों को सूची से बाहर किया गया है. अधिकारियों का अनुमान है कि यह संख्या बढ़कर 15 लाख हो सकती है।
महाराष्ट्र सरकार की ‘मुख्यमंत्री मांझी लाडकी बहिन योजना’ की लाभार्थियों में से 83 प्रतिशत विवाहित महिलाएं हैं. समझा जाता है कि महाराष्ट्र में नवंबर 2024 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत में इस योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस योजना के तहत, 21 से 65 वर्ष की आयु की विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्त या निराश्रित महिलाओं तथा 2.50,000 रुपये प्रति वर्ष से कम पारिवारिक आय वाली महिलाओं को राज्य सरकार 1,500 रुपये की मासिक सहायता प्रदान करती है।
इस योजना के तहत घर की एक अविवाहित महिला को ही यह सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत अब तक करीब 2.5 करोड़ लाभार्थी पंजीकृत हैं. हालांकि सरकार अब अपात्रों को बाहर करने के लिए जांच कर रही है।
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जो महिलाएं विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाती हैं और जिनकी आय 2.5 लाख इस योजना के तहत लगभग 16.5 लाख महिलाओं के खातों में सीधे पैसा भेजे जाने के बाद, आवेदन में दिए गए नामों और जिस बैंक खाते में पैसा जमा किया गया था, उसके नामों में विसंगतियां पाई गईं। ऐसे लाभार्थियों की जिला स्तर पर पुनः जांच की जाएगी तथा अपात्र पाए जाने वालों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा, खबर है कि जिन महिलाओं का आधार कार्ड इस योजना से लिंक नहीं होगा उन्हें भी इस योजना से बाहर रखा जाएगा।