मध्य प्रदेश के उज्जैन-आलोट क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया (फोटो- सोशल मीडिया)
उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन-आलोट क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने आम लोगों की दिलचस्पी के साथ ही मध्य प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। अपने उज्जैन स्थित कार्यालय पर उन्होंने साफ-साफ दो पर्चे चस्पा करवा दिए हैं जिनमें लिखा है कि ट्रांसफर और शस्त्र लाइसेंस के लिए उनसे संपर्क न करें। ट्रांसफर पॉलिसी-2025 के लागू होने के बाद उनके पास सिफारिश के लिए लोगों की भीड़ बढ़ गई थी, जिससे परेशान होकर उन्होंने यह निर्णय लिया। लेकिन इसके पीछे की वजह सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी छिपा है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्य प्रदेश में ट्रांसफर नीति लागू होते ही उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया के सेठी नगर स्थित कार्यालय में अनुशंसा पत्र बनवाने वालों की कतारें लगने लगीं। रोजाना 10 से 20 लोग ट्रांसफर की सिफारिश कराने पहुंच रहे थे, जिसे देखते हुए उन्होंने स्पष्ट सूचना बोर्ड लगवा दिया कि ट्रांसफर की अनुशंसा के लिए उनसे संपर्क न करें। सांसद ने यह भी जोड़ा कि ट्रांसफर उनका काम नहीं है और लोगों को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
शस्त्र लाइसेंस को लेकर भी पहले से सख्ती
अनिल फिरोजिया जब विधायक थे, तब से ही उन्होंने अपने कार्यालय पर एक सूचना चस्पा कर रखी थी कि शस्त्र लाइसेंस के लिए उनसे संपर्क न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक विषय है और वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करते। उनका मानना है कि यदि हर जनप्रतिनिधि अपनी सीमाएं तय करे तो लोगों की उम्मीदें भी यथार्थवादी रहेंगी।
जनता की सुविधा के लिए उठाया गया कदम
फिरोजिया ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय जनता को असुविधा से बचाने के लिए है। जब ट्रांसफर पॉलिसी जैसी व्यवस्थाएं समयबद्ध और नियमबद्ध होती हैं, तो नेताओं से सिफारिश की उम्मीद करना व्यर्थ है। उन्होंने यह संदेश भी दिया कि जनप्रतिनिधियों को अपनी भूमिका जनता की समस्याओं के समाधान में केंद्रित रखनी चाहिए, न कि प्रशासनिक आदेशों की सिफारिशों में।