रीवा में कांग्रेस का जल सत्याग्रह (फोटो- सोशल मीडिया)
रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में भ्रष्टाचार की परतें खुलने के बाद अब विरोध का तरीका भी बदल गया है। करोड़ों के घोटाले, इंजीनियर का वायरल वीडियो, पीडब्ल्यूडी में अनियमितता और जमीन की संदिग्ध बिक्री जैसे गंभीर आरोपों के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता अब पानी में उतर आए हैं। बीहर नदी के बाबा घाट पर जल सत्याग्रह कर कांग्रेस ने सरकार की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। पानी में खड़े होकर कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब शासन व्यवस्था भ्रष्टाचार पर मौन हो जाए, तब गांधी के रास्ते पर चलकर सत्याग्रह ही अंतिम उपाय रह जाता है।
सत्याग्रह के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि रीवा में एक भी विभाग ऐसा नहीं बचा है जहां भ्रष्टाचार न फैला हो। स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों का घोटाला हो या पीडब्ल्यूडी में अनियमित कार्य, सभी मामलों में प्रशासनिक चुप्पी ने लोगों में आक्रोश भर दिया है। साथ ही सरकारी संस्थाओं द्वारा फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी देने और संस्थागत भुगतानों में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप भी सामने आए हैं। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द जांच नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ नदी में उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता
रीवा जिले में बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपये के गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, पीडब्ल्यूडी में भी गड़बड़ियों की शिकायतें मिली हैं। वहीं, जिले की कीमती जमीन को कम कीमत पर बेचने, सरकारी भुगतान में अनियमितता और फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी देने जैसे मामलों ने जनता में आक्रोश भर दिया है। इन सभी मामलों पर सरकार की चुप्पी से नाराज होकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीहर नदी के बाबा घाट में जल सत्याग्रह कर विरोध जताया।
सत्याग्रह से उठाई निष्पक्ष जांच की मांग
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पानी के बीच खड़े होकर मांग की कि रीवा में चल रही इन सभी अनियमितताओं की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने देश को सत्य और अहिंसा का रास्ता दिखाया, आज जब सत्ता मौन है, तब जनहित में उसी रास्ते पर चलना जरूरी हो गया है। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि इन मामलों की जल्द जांच नहीं होती तो यह आंदोलन जिले भर में फैलाया जाएगा।