MP BJP के नये प्रमुख हेमंत खंडेलवाल (फोटो- सोशल मीडिया)
भोपाल: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ा बदलाव करते हुए हेमंत खंडेलवाल को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी ने 31 साल बाद वैश्य समाज से आने वाले किसी नेता को यह जिम्मेदारी सौंपी है। हेमंत खंडेलवाल को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया, जिसकी औपचारिक घोषणा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की। इस नियुक्ति को जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
हेमंत खंडेलवाल बैतूल से दूसरी बार विधायक हैं और इससे पहले सांसद भी रह चुके हैं। उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल तीन बार बैतूल से सांसद रहे थे, जिससे उनकी राजनीतिक विरासत मजबूत हुई है। हेमंत खंडेलवाल RSS और भाजपा संगठन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं और उनकी छवि एक निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ता की रही है। वे B.Com और LLB की पढ़ाई कर चुके हैं और व्यवसायी भी हैं।
#WATCH | Bhopal | Newly appointed Madhya Pradesh BJP President, Hemant Khandelwal, says, ” I express gratitude towards the party leadership. I will try to live up to the trust of the party workers.” https://t.co/k4bdBRhcpI pic.twitter.com/BbRGDQKXz3
— ANI (@ANI) July 2, 2025
मोहन यादव ने खुद बढ़ाया हाथ, किया नेतृत्व का प्रस्ताव
घोषणा के वक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद प्रस्तावक बने और मंच पर ले जाकर नामांकन की औपचारिकता पूरी कराई। शिवराज सिंह चौहान, हितानंद शर्मा, विवेक शेजवलकर और केंद्रीय मंत्री सरोज पांडे की मौजूदगी में प्रक्रिया पूरी हुई। उल्लेखनीय है कि सावित्री ठाकुर का नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ में था, लेकिन पार्टी ने अंतिम मुहर खंडेलवाल पर लगाई।
इस घोषणा के साथ ही हेमंत खंडेलवाल मध्य क्षेत्र से भाजपा के दूसरे ऐसे नेता बने, जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनने का मौका मिला है। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान इस पद पर रह चुके हैं। खास बात यह भी है कि 2000 के बाद से भाजपा में सभी प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हाईकमान की पसंद से हुई है और कोई चुनावी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
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संगठन से लेकर विधान सभा तक मजबूत पकड़
हेमंत खंडेलवाल 2007-08 में लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। 2010 से 2013 तक भाजपा के बैतूल जिलाध्यक्ष, 2013 में विधायक और विधायक सुविधा समिति के अध्यक्ष रहे। 2014 से 2018 तक प्रदेश कोषाध्यक्ष और कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे। 2023 में वे दूसरी बार विधायक बने। उनकी नियुक्ति वैश्य समाज के साथ-साथ पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए भी उत्साहजनक मानी जा रही है। खंडेलवाल अब पार्टी को 2028 के चुनावी रोडमैप पर कैसे आगे बढ़ाएंगे, यह देखने वाली बात होगी।