बच्चों को 'जहरीला' कफ सिरप लिखने वाला डॉक्टर अरेस्ट (फोटो- सोशल मीडिया)
Cough Syrup Death: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 10 मासूमों की मौत के बाद पूरे इलाके में मातम और गुस्सा है। इस दर्दनाक घटना का जिम्मेदार एक ‘जहरीला’ कफ सिरप बताया जा रहा है, जिसे बच्चों को देने की सलाह एक डॉक्टर ने दी थी। मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शनिवार देर रात डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक मानव निर्मित त्रासदी बताई जा रही है, जिसने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस मामले में डॉक्टर प्रवीण सोनी और सिरप बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी, श्रेसन फार्मास्यूटिकल्स, के खिलाफ परासिया थाने में FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 105 और 276 के तहत केस दर्ज किया है। सबसे चौंकाने वाली बात जांच रिपोर्ट में सामने आई, जिसके अनुसार ‘कोल्ड्रिफ’ नाम के इस कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल नामक जहरीले केमिकल की मात्रा 48.6% थी, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरे मध्य प्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा, “छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत बेहद दुखद है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।” सरकार ने सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी रोक लगा दी है और मामले की जांच के लिए एक राज्य स्तरीय टीम का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की भी घोषणा की है, साथ ही तमिलनाडु सरकार से भी इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया गया है।
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इस हृदयविदारक घटना पर राजनीति भी तेज हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और छिंदवाड़ा से विधायक कमलनाथ ने इसे “मानव निर्मित त्रासदी” करार देते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित 4 लाख के मुआवजे को अपर्याप्त बताते हुए प्रत्येक पीड़ित परिवार को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है। कमलनाथ ने कहा कि सरकार को बीमार बच्चों के इलाज का पूरा खर्च उठाना चाहिए और प्रदेश में बिक रही नकली और जहरीली दवाओं के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।