अंतर्राष्ट्रीय ई-वेस्ट डे 2024 (सौ.सोशल मीडिया)
International E-Waste Day: कचरा, दिमाग का हो या घर के आसपास का निकालकर फेंकना तो पड़ता ही है। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक कचरा फेंकना कितना जरूरी हैं इसे बताने के लिए दुनियाभर में इंटरनेशनल ई-वेस्ट डे मनाया जाता है। इसके जरिए हम ई वेस्ट को खत्म कर हेल्दी माहौल बनाने पर जोर देते है। मोबाइल फोन हर किसी के लिए सबसे जरूरी चीज में से एक होता हैं जिसके बिना शायद ही कई लोग किसी जिंदगी चलती है। अगर मोबाइल खराब हो जाए तो इसे बेचने या फेंकने की बजाय यह बात जान लेना जरूरी है। एक टन बेकार पड़े मोबाइल फोन के जरिए आप एक टन सोना आसानी से खरीद सकते हैं यानि एक पल में आप लखपति-करोड़पति बन सकते है।
यहां पर रिपोर्ट की मानें तो, जब आप एक साथ मिलियन सेलफोन रिसाइकल करते हैं तो, इसमें करीबन 24 किग्रा सोना, 16,000 किग्रा कॉपर, 350 किग्रा सिल्वर और 14 किग्रा पैलेडियम निकलेगा। यानि इन सबकी कीमत करोड़ों में गिनी जाती है लेकिन 82.6 फीसदी मोबाइल फोन्स और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट को बेकार मानकर फेंक दिया गया था। ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि,साल 2019 में 53.6 मिलियन मिट्रिक टन WEEE पैदा हुआ है। जो पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा था। इसकी कुल कीमत करीब 413,277 करोड़ रुपए (5,700 करोड़ डॉलर) के बराबर थी, जोकि कई देशों के जीडीपी से भी ज्यादा है।
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आपको बताते चलें कि, दुनियाभर में ई-वेस्ट कचरे का लाखों टन अंबार निकलता है इसमें मोबाइल फोने के अलावा अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट शामिल होते है। रिपोर्ट की मानें, तो इसमें कारोबारियों और सरकार को आगे आना चाहिए। क्योंकि ई-कचरे का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके अलावा ई-वेस्ट में दरअसल खराब और बेकार प्लग-इन या फिर बैटरी ऑपरेटेड प्रोडक्ट का दोबारा इस्तेमाल किया जाता हैं इसके लिए किसी भी प्रकार से नए रिसोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती है। कहा जाता हैं कि इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेटं (WEEE) के कचरे का भंडार 60 मिलियन तक चला जाता है। ईवेस्ट हर घर में करीबन मिल ही जाता है इसमें दुनिया का एक देश यूरोप का नाम आता हैं जहां का हर एक व्यक्ति 4 से 5 किग्रा इलेक्ट्रॉनिक कचरे को पैदा करता है।