हिंद मजदूर सभा ने फडणवीस सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार द्वारा पिछले हफ्ते निजी और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के कार्य घंटे बढ़ाने के फैसले के खिलाफ अब विरोध तेज हो गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली कैबिनेट ने हाल ही में श्रम कानूनों में संशोधन कर कारखानों में दैनिक कार्य समय 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे और दुकानों में 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने की मंजूरी दी थी।
हिंद मजदूर सभा ने इसे मजदूर विरोधी कदम बताते हुए तत्काल वापसी की मांग की है। संगठन के महाराष्ट्र परिषद के महासचिव संजय वाधवकर ने कहा कि यह फैसला वास्तव में मजदूरों के शोषण को वैध बना देगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय केंद्र सरकार के दबाव में बिना ट्रेड यूनियनों से परामर्श किए लिया गया है और इसका मकसद मजदूरों के स्वास्थ्य और अधिकारों की कीमत पर कॉरपोरेट मुनाफा बढ़ाना है।
वाधवकर के अनुसार, पहले मजदूर पांच घंटे काम करने के बाद 30 मिनट के विश्राम के हकदार थे, लेकिन नए नियमों में यह ब्रेक छह घंटे बाद मिलेगा। उन्होंने श्रम विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी का भी मुद्दा उठाया और कहा कि मौजूदा सुरक्षा मानकों को लागू करने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
3 सितंबर को मंत्रिमंडल ने कारखाना अधिनियम, 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार एवं सेवा शर्तें विनियमन) अधिनियम, 2017 में संशोधन को मंजूरी दी थी। इसके तहत:
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हिंद मजदूर सभा ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो वे अन्य यूनियनों के साथ मिलकर पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन करेंगे। अभी तक राज्य सरकार की ओर से मजदूर संगठन के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ऐसे में, जब स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक हैं, यह मुद्दा राजनीतिक रूप से और गरमाता दिख रहा है।