आज करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (डिजाइन फोटो)
सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: आज यानी 10 अप्रैल को ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri 2024) का दूसरा दिन माता दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को समर्पित है। इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी (Goddess Brahmacharini) की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि पाने हेतु व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मत है कि, मां की पूजा-उपासना करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। अतः साधक विधि विधान से नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं। अगर आप भी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो इस विधि से मां की पूजा-उपासना करें। ऐसे में आइए जान लीजिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और इसकी महिमा –
पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा विधि विधान से की जाती है। सुबह सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर साफ कपड़े पहनें। मां को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद मां को अक्षत चंदन और रोली चढ़ाएं। मां को कमल और गुड़हल पसंद है और उनको ये फूल चढ़ाएं। इसके बाद कलश देवता और नवग्रह की विधि विधान से पूजा करें। दीपक प्रज्जवलित करें और मां की आरती उतारें। मां ब्रह्माचारिणी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
पीले रंग की मिठाई का लगाएं भोग
मां ब्रह्माचारिणी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इससे रिश्तों में मिठास आती है। ये भोग मां को अर्पित करन से भगवती अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं और लंबी आयु और सौभाग्य का वरदान देती है। इसके अलावा, ऐसा कहा जाता है कि माता को हरा रंग पसंद होता है। इसलिए इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
मां ब्रह्माचारिणी की महिमा
माता ब्रह्मचारिणी हमें यह संदेश देती हैं कि जीवन में बिना तपस्या अर्थात कठोर परिश्रम के सफलता प्राप्त करना असंभव है। बिना श्रम के सफलता प्राप्त करना ईश्वर के प्रबंधन के विपरीत है। अत: ब्रह्मशक्ति अर्थात समझने व तप करने की शक्ति हेतु इस दिन शक्ति का स्मरण करें। योग-शास्त्र में यह शक्ति स्वाधिष्ठान में स्थित होती है। अत: समस्त ध्यान स्वाधिष्ठान में करने से यह शक्ति बलवान होती है एवं सर्वत्र सिद्धि व विजय प्राप्त होती है।