विश्व शेफ दिवस (सौ.डिजाइन फोटो)
International Chefs Day 2024: खाने की बात शुरु हो जाए तो कई सारी मनपसंद डिशेज सामने आ ही जाती है इसमें इन डिशेज को स्वाद से भरने में शेफ का योगदान होता है। दुनियाभर में आज सभी शेफ को समर्पित दिन इंटरनेशनल शेफ डे के रूप में मनाया जा रहा है जो खाने की दुनिया में करिश्मा करते है। इस विश्व शेफ दिवस पर हम जानेंगे कि, कैसे मौजूदा समय में खाने के महारथियों के सामने चुनौतियां आ रही है। वक्त के साथ युवाओं की पसंद भी बदल जाती है तो इसे कैसे शेफ संभालते हैं चलिए जानते हैं पुणे के मशहूर शेफ विक्रम खत्री से।
यहां पर बात करें तो, हर साल 20 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस दिन की शुरुआत साल 2004 की मानी जाती है जो दिवंगत शेफ डॉ. बिल गैलगर के नाम से शुरुआत हुई है। इसके साथ ही वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ शेफ सोसाइटीज की आधिकारिक वेबसाइट में इस लिखा है कि भविष्य के प्रति गर्व और प्रतिबद्धता की भावना के साथ शेफ की अगली पीढ़ी को नॉलेज और कलीनरी के बारे में बताना उनका कर्तव्य है। इस दिवस का महत्व दुनियाभर के शेफ के योगदान को बढ़ाना है।
ये भी पढ़ें-एक चम्मच से ज्यादा नमक देता हैं मौत का अटैक, WHO की रिपोर्ट में खुलासा
यहां पर इसे लेकर मशहूर शेफ विक्रम खत्री बताते हैं कि, खाना बनाने को लेकर हर बात याद रहती स्वाद से लेकर पेश करने तक। होटल औऱ रेस्टोरेंट में अक्सर लोग बेस्ट फूड और स्वाद लेने के लिए जाते हैं यहां पर शेफ की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि उन्हें मनपसंद का खाना परोसें। खाना बनाने से अलग-अलग डिशेज टेबल तक पहुंचाना और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना सबसे बड़ी चुनौती एक शेफ के लिए होती है। अगर खाने में किसी प्रकार का स्वाद बिगड़ जाए तो इसके लिए होटल नहीं शेफ को जिम्मेदार मानते है।
आगे यहां पर शेफ खत्री बताते हैं कि, युवा अब चाइनीज फूड्स के अलावा पारंपरिक डिशेज को खाना ज्यादा पसंद कर रहे है। इसे लेकर ही एक नई तरह की डिश ईजाद की जिसका नाम इंडियन डिश आफरीन बनाया गया है। इसके अलावा युवा ज्यादातर कैलोरी को देखते हुए मिठाईयां चुनते हैं. इसलिए इस बार आप गुलाब पेड़ा को ट्राई कर सकते हैं. ये ट्रेडिशनल होने के साथ-साथ आपकी हेल्थ के लिए भी बेहतर है। शुगर फ्री मिठाई बनाने के लिए अन-प्रोसेस्ड शुगर या शहद का इस्तेमाल करते है।