प्राणायाम करने से मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है। इतना ही नहीं यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है तो सांस आपकी बेहतर बनाता है फेफड़ों को स्वस्थ भी करता है। अनुलोम विलोम, भ्रामरी जैसे प्राणायाम के बारे में तो आपने जाना होगा लेकिन इसके अन्य प्रकार भी होते है क्या आप जानते हो।
जानिए प्राणायाम के प्रकार के बारे में (सौ. डिजाइन फोटो)
दुनियाभर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है यह दिन योग का दुनिया में प्रचार करता है। स्वास्थ्य के नजरिए से जोड़ते हुए योगासन और प्राणायाम को जोड़ा जाता है। प्राणायाम करने से मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है। इतना ही नहीं यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है तो सांस आपकी बेहतर बनाता है फेफड़ों को स्वस्थ भी करता है। अनुलोम विलोम, भ्रामरी जैसे प्राणायाम के बारे में तो आपने जाना होगा लेकिन इसके अन्य प्रकार भी होते है क्या आप जानते हो।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम- प्राणायाम में यह सबसे खास प्राणायाम है इसमें नासिकाओं के माध्यम से श्वास लेने और छोड़ने की प्रक्रिया है, जो मानसिक संतुलन और शांति प्रदान करती है। नियमित प्राणायाम करने से मानसिक तनाव और चिंता में राहत मिलती है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखता है।
कपालभाति प्राणायाम- आप प्राणायाम के एक और प्रकार कपालभाति प्राणायाम को कर सकते है। इस प्राणायाम में तेजी से श्वास को बाहर निकालते हैं और पेट की मांसपेशियों को संकुचित करते हैं। यह शुद्धि और ऊर्जा को बढ़ावा देने वाला प्राणायाम है। इस प्राणायम को पेट के लिए बेहतर बताया गया है जो बड़ा डिटॉक्स होता है। मोटापे को भी कंट्रोल करता है।
भस्त्रिका प्राणायाम- आप इस प्राणायाम को करते हैं तो शरीर में एनर्जी औऱ ताकत बढ़ती है। इतना ही नहीं थकान और मानसिक सुस्ती पर आराम करता है।
भ्रामरी प्राणायाम- प्राणायाम में आप इस भ्रामरी प्राणायाम को कर सकते है। इस योग को खासकर तनाव और चिंता को दूर करने के लिए किया जाता है यह मानसिक शांति प्रदान करता है। इस प्राणायाम को करने के दौरान श्वास छोड़ते समय भौंरे की गूंज जैसी ध्वनि निकालनी होती है।
इसमें गले से एक हल्की सी घुरघुराहट की आवाज निकालते हुए श्वास लेना और छोड़ना होता है। यह शांति और ध्यान में सहायक होता है।
शीतली प्राणायाम- गर्मियों में सबसे ज्यादा किया जाने वाला प्राणायाम यह होता है जो शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इस प्राणायाम को करने के दौरान जीभ को मोड़कर श्वास लेना और नाक से श्वास छोड़ना होता है।यह श्वसन प्रणाली को शुद्ध करता है और मानसिक एकाग्रता व धैर्य को बढ़ाता है। प्यास और अधिक गर्मी से राहत देता है और गुस्से व हाई बीपी को शांत करता है।
शीतकारी प्राणायाम -गर्मियों में आप इस प्राणायाम को भी कर सकते है। दाँतों के बीच से श्वास लेना और नाक से श्वास छोड़ना होता है। यह भी शीतली प्राणायाम की तरह ठंडक प्रदान करता है।
नाड़ी शोधन प्राणायाम- यह अनुलोम और विलोम की तरह ही प्राणायाम होता है। जो नाड़ियों की शुद्धि करता है वहीं पर ज्यादा ध्यान और शांति प्रदान करने वाला होता है।
सूर्य भेदी प्राणायाम - शरीर में गर्मी और एनर्जी बढ़ाने के लिए आप इस योगासन को कर सकते है।इसमें केवल दाईं नासिका से श्वास लेना और बाईं नासिका से छोड़ना होता है। यह शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करता है।
चंद्र भेदी प्राणायाम- इस प्राणायम को करने से शरीर को ठंडक और शांति प्रदान करता है। शरीर की ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है। इम्यून सिस्टम मजबूत करता है। केवल बाईं नासिका से श्वास लेना और दाईं नासिका से छोड़ना होता है।