सर्दियों में पाचन दुरुस्त रखेंगे चार आसान योगासन (सौ.सोशल मीडिया)
Yoga For Digestion: सर्दियों का मौसम चल रहा है इस मौसम में सेहत को तंदुरुस्त रखना बेहद जरूरी होता है। लेकिन तापमान के ठंडे होने की वजह से हम पानी सही समय पर नहीं पी पाते है और खूब सारा खा लेते है जो हमारे पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। पाचन समस्याएं की वजह से पेट फूलना, गैस और असहजता जैसी शिकायतें बढ़ जाती हैं। पाचन समस्याओं के लिए खानपान पर जोर देने की बात की जाती है तो वहीं पर योगासन में कई आसन है जो सेहत पर राहत देने का काम करता है। यहां पर भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा इन 4 योगासनों के बारे में बताया गया है।
यहां पर आप पाचन से जुड़ी समस्याओं पर राहत पाने के लिए अपने दैनिक जीवन के 10-15 मिनट का समय निकालकर आप योगासन कर सकते है। इन चार योगासनों में वज्रासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन, पवन मुक्तासन और मार्जरी आसन का नाम शामिल है जो पेट की मांसपेशियों को मजबूती देता है और गैस निकालने में मदद करते है साथ ही वात दोष को संतुलित करने का काम करता है।
वज्रासन:- यह एकमात्र ऐसा आसन है जो भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता है। इसके लिए घुटनों के बल बैठें, एड़ियां नितंबों के नीचे और हाथ घुटनों पर रखें। यह पाचन को तेज करता है, अपच दूर करता है और कब्ज में राहत देता है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन:- बैठकर किया जाने वाला यह आसन रीढ़ को लचीला बनाता है और पेट के अंगों की मालिश करता है। इसके लिए एक पैर मोड़कर दूसरे के ऊपर रखें और विपरीत दिशा में मुड़ें। यह गैस, कब्ज और अपच की समस्या में विशेष लाभ देता है।
पवन मुक्तासन:- इस आसन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों घुटनों को छाती से लगाएं और सांस छोड़ते हुए दबाव डालें। यह गैस रिलीज करने वाला आसन है, जो पेट फूलने की समस्या में विशेष रूप से लाभकारी है और कब्ज में भी तुरंत आराम देता है।
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मार्जरी आसन:- इसे कैट-काउ पोज भी कहते हैं। इसके अभ्यास के दौरान चौपाए की मुद्रा में सांस लेते हुए पीठ ऊपर उठाएं (कैट) और छोड़ते हुए नीचे झुकाएं (काउ)। यह पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, पाचन सुधारता है और वात संतुलन में मदद करता है।
इन आसनों का नियमित अभ्यास सर्दियों में पाचन को दुरुस्त रखता है। शुरुआत में योग प्रशिक्षक की देखरेख में करें और किसी स्वास्थ्य समस्या में डॉक्टर से सलाह लें।
आईएएनएस के अनुसार