स्पीड डेटिंग (सौ. सोशल मीडिया)
भागदौड़ भरी जिंदगी में सब लोग इतने व्यस्त हो गए है कि, खुद के लिए समय निकाल पाना भी मुश्किल हो जाता है। सच्चे रिश्ते की तलाश करने वालों के लिए आइडियल पार्टनर की तलाश सही से पूरी नहीं हो पाती है और वे धोखा खा बैठते है। सोशल मीडिया की दुनिया से लेकर डेटिंग ऐप्स का चलन सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इन डेटिंग ऐप्स की दुनिया में सिंगल लोगों के बीच स्पीड डेटिंग का चलन सबसे तेज हो रहा है जिसमें लोग खुद के लिए पार्टनर की तलाश कर रहे है।
बड़े शहरों में रहने वाले युवाओं के बीच स्पीड डेटिंग सबसे ज्यादा पॉपुलर है आखिर ये कितनी फायदेमंद है और नुकसानदायक, चलिए जानते हैं इस खबर में…
आपको यहां पर स्पीड डेटिंग के बारे में बताते चलें तो, एक सोशल इवेंट होता है जिसमें एक ही जगह पर कई सिंगल लड़के और लड़कियां मिलते हैं। वहीं पर हर व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति से कुछ मिनटों (आमतौर पर 5 से 7 मिनट) तक बात करने का मौका दिया जाता है। यहां पर 5 मिनट बाद दूसरे पार्टनर के पास शिफ्ट होते है बातचीत होती है। इवेंट के अंत में सभी को एक कार्ड दिया जाता है, जिसमें उन्हें उन लोगों का नाम लिखना होता है जिनसे वो दोबारा मिलना चाहते हैं। अगर 2 लोग एक दूसरे का नाम लिखते हैं तो ऑर्गनाइजर उनका कॉन्टैक्ट शेयर कर देता है।
आपको बताते चलें कि, इस स्पीड डेटिंग का फायदा सबसे ज्यादा सिंगल लोगों को होता है। यह डेटिंग आमतौर पर उन लोगों के लिए खास ऑप्शन है जो जल्दी और सीधे तरीके से खास व्यक्ति से जुड़ना चाहते है। जो लोग ऑनलाइन चैटिंग के अलावा फेस टू फेस बातचीत को प्रायोरिटी देते है उसके लिए यह डेटिंग का चलन फायदेमंद रह सकता है। इस डेटिंग में दरअसल ज्यादा फॉर्मेलिटी नहीं होती, जिससे माहौल हल्का-फुल्का बना रहता है।
यहां पर स्पीड डेटिंग के जहां पर सिंगल लोगों के लिए फायदे बताए गए है तो वही पर इसके नुकसान भी होते है।सिर्फ बाहरी लुक या फर्स्ट इंप्रेशन के बेस्ड पर डिसिजन ले लेते हैं, जिससे गहराई वाले रिश्ते बनने की संभावना कम हो जाती है। कुछ लोग इवेंट में केवल टाइम पास के लिए आते हैं उन्हें रिश्ते बनाने से कोई मतलब नहीं होता है। 5 से 7 मिनट में किसी को सही से जानना मुश्किल हो सकता है।
कई मायनों में कहें तो यह डेटिंग फायदेमंद है तो कई लोगों के लिए नुकसान का कारण भी बन सकती है।