हिंदी दिवस 2024 (सौ. फाइल फोटो)
आज देशभर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है यह दिन हमारे देश की मातृभाषा हिंदी को समर्पित खास दिनों में से एक होता है। इसे हर साल सितंबर महीने की 14 तारीख को मनाया जाता है जो हिंदी भाषा को दुनिया के हर कोने पर प्रसारित करती है। हमारा भारत देश विविधताओं से परिपूर्ण देश है जिसकी पहली भाषा हिंदी है भारतीय नागरिकों द्वारा सबसे ज्यादा बोली जाने वाली हिंदी भाषा हर भाव को एकरूपता में परोसती है।
हिंदी, भले ही अपने वास्तविक स्वरूप में आज भी लेकिन इसके अस्तित्व पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का असर पड़ा है। इससे पहले हिंदी, पर अंग्रेजी के प्रादुर्भाव के आने से असर पड़ा था। चलिए जानते है एआई के साथ हिंदी के अस्तित्व को बचाने की चुनौती के बारे में।
आपको बताते चलें कि, अबकी बार हिंदी दिवस 2024 की थीम मौजूदा हालातों पर आधारित है यानि हिंदी दिवस 2024 की थीम की बात करें तो मॉडर्न टेक्नोलॉजी से जोड़ते हुए इसे तैयार किया गया है। इसमें इस बार की थीम “हिंदी पारंपरिक ज्ञान से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक” यानी From Traditional Knowledge to Artificial Intelligence पर आधारित है
हिंदी, आज भी बड़े स्तर पर सशक्त भूमिका निभा रही है इसका अस्तित्व आज भी अपनी गाथा गा रहा है लेकिन अब यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का तो इस दौर पर हिंदी के स्वरुप को पहले की तरह बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। चुनौती को हम कम भी करते है तो कई गुना लोग आजकल अंग्रेजी भाषा को ज्यादा अपनाने लगे है। इसे लेकर विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने एक बार कहा था कि, हिंदी समेत सभी भारतीय भाषाओं को मौजूदा दौर में प्रासंगिक बनाये रखने की चुनौती है. ऐसे में हमें तकनीक से रिश्ता बनाना होगा।हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं को कृत्रिम मेधा यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाना होगा, तभी वे प्रासंगिक बनी रह सकती हैं. यह समय की मांग भी है।
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वक्त के साथ जाहिर सी बात है कि, तकनीक और धरोहर दोनों को साथ लेकर चलना जरुरी काम है। इसके लिए प्रयास केवल हिंदी को लेकर नही स्थानीय भाषाओं कोे लेकर होना जरुरी है। रोजगार की बात की जाती है तो तकनीक पर जोर दिया जाता है लेकिन हिंदी को अपनाने के अलावा अंग्रेजी को स्थान दे दिया जाता है। भलें ही यह समय की जरुरत है लेकिन हिंदी का अस्तित्व इससे खो जाता है।
इसे लेकर कहा जाता है कि, हिंदी भाषा को वैश्विक रोजगार की भाषा बनाना जरूरी है इस साल की थीम और आयोजन का मुख्य विषय हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक रखा गया है जो यह बतलाता है कि, आर्टिरफिशियल इंटेलिजेसी के साथ हमारी हिंदी भी अच्छा स्थान रखें। मोदी सरकार प्रवासी भारतीयों पर विशेष ध्यान दे रही है. प्रवासी भारतीय भारत और अन्य देशों के बीच एक सेतु का काम करते हैं।उनकी भूमिका की पुनर्व्याख्या की गयी है और इस दिशा में लगातार प्रयास जारी हैं।