सीमा कुमारी
नई दिल्ली: गर्मियों के मौसम में अधिकतर लोगों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति डिहाइड्रेशन (dehydration) का शिकार हो जाता है। डिहाइड्रेशन होने पर लोग स्ट्रेस भी महसूस करने लगते हैं। जिससे बचने के लिए डॉक्टर्स खूब पानी पीने की सलाह भी देते हैं। लेकिन, क्या आप वाकई जानते हैं, आखिर ये डिहाइड्रेशन की समस्या क्या है और क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय ? आइए जानें इस बारे में-
डिहाइड्रेशन को हिंदी में निर्जलीकरण के नाम से भी जाना जाता है। डिहाइड्रेशन, यानी शरीर में पानी की कमी होना। दरअसल, शरीर से पसीना अधिक निकलने पर शरीर के तापमान को संतुलित करने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। यदि इस दौरान व्यक्ति पानी का सेवन कम मात्रा में करता है, तो उसे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। शरीर में पानी की कमी होने से मिनरल्स जैसे नमक और शुगर लेवल कम हो जाती है।
बहुत ज्यादा प्यास लगना,
मुंह सूखा-सूखा रहना,
कम और रुक-रुक कर पीले रंग का पेशाब आना,
थकान महसूस होना और बहुत ज्यादा नींद आना,
आंखों से बहुत ज्यादा पानी निकलना या आंखें रूखी हो जाना, सिर में दर्द होना।
आमतौर पर गर्मियों में मछली और चिकन जैसे थर्मोजेनिक फूड ज्यादातर में रात में खाने चाहिए। स्किम पनीर या स्मूदीज आदि प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं जिन्हें आप लंच में ले सकते हैं। बाजरा सर्दियों में खाया जाता हैं। इसलिए गर्मियों में बाजरा की जगह पर ज्वार की रोटियां खाएं। गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए सब्जियों का जूस, स्मूदीज, छाछ और सलाद भोजन में शामिल कर सकते हैं। गर्मी में पाचन संबंधी समस्याएं होना आम बात है। इसलिए हल्का और हेल्दी भोजन लें। साथ ही खुद को हाइड्रेड रखने के लिए पानी, जूस, स्मूदी और नींबू पानी का सेवन करते रहें।