संजय राउत सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
मुंबई: महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा अनिवार्यता के बाद से भारी हंगामा हुआ है। सरकार के इस फैसले का विभिन्न स्तरों पर विरोध हो रहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए आंदोलन का ऐलान किया है। साथ ही महा विकास अघाड़ी के घटक दलों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। इस मुद्दे पर महायुति सरकार के बैकफुट पर आने के बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह फैसला तब लिया गया था, जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। अब ठाकरे की पार्टी शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भाजपा के इस आरोप पर पलटवार किया है और तत्कालीन कैबिनेट बैठक की कार्यवाही मीडिया को पढ़कर सुनाई है।
देवेंद्र फडणवीस के पिता दिल्ली से शिक्षा नीति थोप रहे
संजय राउत ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के पिता, जो दिल्ली में रहते हैं, उन्होंने यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति हम पर थोपी है। त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से बढ़ते दबाव के बाद 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए डॉ. रघुनाथ माशेलकर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था। संजय राउत ने कहा, इस समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए उद्धव ठाकरे ने इसे कैबिनेट के समक्ष पेश किया। हालांकि, उन्होंने इस रिपोर्ट को लागू करने के लिए कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक
उद्धव ठाकरे की अगुवाई में हुई तत्कालीन कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए संजय राउत ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करने के लिए गठित डॉ. रघुनाथ माशेलकर कार्य समूह की रिपोर्ट कैबिनेट बैठक में पेश की गई। उक्त नीति के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक कार्यदल गठित करने का निर्णय लिया गया। इस नीति को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित कार्य समूह में उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्री शामिल होंगे।
संजय राउत ने दी खुली चुनौती
बैठक में समिति द्वारा अनुशंसित मुद्दों के अनुसार की गई कार्रवाई की भी जानकारी दी गई। राउत ने खुले तौर पर चुनौती दी है, देवेंद्र फडणवीस को यह रिपोर्ट सामने लानी चाहिए और इसे सार्वजनिक रूप से पढ़ना चाहिए। इस बीच, केंद्र सरकार के दबाव के कारण, हमने समय बचाने के लिए एक समिति बनाई। लेकिन इस संबंध में कोई जीआर जारी नहीं किया गया। संजय राउत ने महायुति सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए आरोप लगाया, मौजूदा फडणवीस सरकार ने हिंदी अनिवार्यता का सरकारी आदेश जारी किया है।