रस्सी कूद के फायदे (सौ. सोशल मीडिया)
Rope Jumping Exercise: भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के लिए फिटनेस के प्रति ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है। फिट रहने के लिए लोग जहां पर जमकर जिम में पैसा बहाते है वहीं पर इसमें फिटनेस तो मिलती है लेकिन पूरी तरह से सक्रिय रह नहीं पाते है। पुराने समय में आपने खेल में ही रस्सी कूद तो खेला होगा, उस समय यह सब व्याायाम सेहत को बेहतर रखने का काम करते थे। यहां पर रस्सी कूद (रोप जंपिंग) पीढ़ियों से बच्चों का खेल भी रहा है और जवानों का स्वास्थ्य राज भी।
यहां पर रस्सी कूद एक सरल कार्डियो एक्सरसाइज है, जिसमें रस्सी की मदद से बार-बार कूदना होता है। इसके लिए किसी महंगे उपकरण की जरूरत नहीं होती, आप इसे कम जगह और कम समय में कहीं भी कर सकते हैं। इस एक्सरसाइज के इतिहास की बात करें तो, भारत, चीन और मिस्र जैसी सभ्यताओं में इसे बच्चों और सैनिकों के प्रशिक्षण का हिस्सा माना जाता था। आयुर्वेदिक दिनचर्या में इसे व्यायाम का सरलतम और प्रभावी रूप माना गया है। यह व्यायाम पूरे शरीर को सक्रिय करता है, जिसमें पैर, हाथ, कंधे, पेट और पीठ की मांसपेशियां सब एक साथ काम करती हैं। इससे न केवल मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि हृदय और फेफड़ों की क्षमता भी तेजी से बढ़ती है। शोध बताते हैं कि दस मिनट रस्सी कूदना लगभग तीस मिनट दौड़ने के बराबर कैलोरी बर्न करता है।
यहां पर रस्सी कूदने का तरीका बताया गया है जो बेहद आसान है। यह व्यायाम सस्ता, सरल और कहीं भी किया जा सकता है। केवल एक रस्सी और थोड़ी सी जगह की जरूरत होती है। इसके अलावा, यह समन्वय और फुर्ती भी बढ़ाता है, जो खिलाड़ियों और बॉक्सरों के लिए भी बहुत जरूरी होता है।रस्सी कूदने का सही तरीका यह है कि आप समतल और साफ जगह पर खड़े हों, दोनों हाथों में रस्सी के सिरे पकड़कर धीमी गति से शुरुआत करें और धीरे-धीरे समय और स्पीड बढ़ाएं। सही जूते पहनना जरूरी है ताकि पैरों पर दबाव कम पड़े।
यहां पर रस्सी कूदने के फायदों के बारे में बताया गया है, जो इस प्रकार है…
आयुर्वेद में भी प्रतिदिन हल्के-फुल्के व्यायाम की सलाह दी गई है, जिसमें रस्सी कूदना एक अच्छा विकल्प है।
आईएएनएस के अनुसार