शिबू सोरेन को राज्यसभा दी गई श्रदांजलि (सोर्स: सोशल मीडिया)
Tribute Paid To Shibu Soren: झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के निधन से राज्य में शोक की है। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। विधानसभा का यह सत्र 7 अगस्त तक चलने वाला था।
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने दुख के साथ शिबू सोरेन के निधन की सूचना दी। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन झारखंड की राजनीति और समाज के लिए अत्यंत दुखद है। दिशोम गुरु हमारे बीच नहीं रहे।
महतों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण वंचितों, आदिवासियों और झारखंड की पहचान के लिए समर्पित किया। झारखंड को अंधकार से उजाले की ओर ले जाने वाले इस महान योद्धा का जाना केवल इस राज्य के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए अपूरणीय क्षति है।
विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन के बाद पूरे सदन में कुछ देर के लिए मौन छा गया। इसके बाद विधायकों ने खड़े होकर ‘वीर शिबू सोरेन अमर रहें’, ‘दिशोम गुरु अमर रहे’ के नारों के साथ उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी दलों के नेताओं ने शिबू सोरेन के राजनीतिक जीवन, आदिवासी समाज के उत्थान में उनके योगदान और झारखंड आंदोलन में उनकी केंद्रीय भूमिका को याद किया।
झारखंड सरकार के मंत्रियों, विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी और सदन में उपस्थित सभी विधायकों ने दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी। शिबू सोरेन तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे, कई बार सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे।
शिबू सोरेन राज्यसभा के सांसद थे। उनके निधन पर राज्यसभा में सभी सांसदों ने शोक जताया और दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति हरिवंश नारायण ने गहरे दुख के साथ सदन को राज्यसभा के मौजूदा सांसद शिबू सोरेन निधन का समाचार दिया। उपसभापति ने कहा कि शिबू सोरेन आम लोगों के बीच में गुरुजी के नाम से लोकप्रिय थे।
#Monsoonsession2025 Obituary Reference made by Dy. Chairman #RajyaSabha on Passing away of #ShibuSoren, Member of #RajyaSabha. pic.twitter.com/YX6IEAX0Qu — SansadTV (@sansad_tv) August 4, 2025
उप सभापति ने आगे कहा कि ‘दिशोम गुरु’ के रूप में जाने जाने वाले शिबू सोरेन आम गरीब लोगों के बीच में गुरूजी के रूप में लोकप्रिय थे। वह एक जमीनी कार्यकर्ता थे। वह नवगठित राज्य (झारखंड) के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बने। उन्होंने आजीवन वंचितों के हितों व अधिकार के लिए काम किया।
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बता दें कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शिबू सोरेन 8 बार लोक लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए। उपसभापति ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में झारखंड की जनता का ईमानदारी व निष्ठा से प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, वह तीन बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे और वह मौजूदा समय में भी राज्यसभा के सदस्य थे।
राज्यसभा में बताया गया कि दिवंगत सांसद वर्ष 2005-2010 के बीच तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। वह वर्ष 2004-2006 के बीच केंद्र सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री रहे। राज्यसभा में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा गया कि अपने संसदीय जीवन में उन्होंने विशेष रूप से सामाजिक न्याय, आदिवासी कल्याण व ग्रामीण विकास जैसी बहस और चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।