जम्मू-कश्मीर के कठुआ में ‘आसमानी कहर’, फोटो- सोशल मीडिया
Kathua Cloudbrust Latest Update: कठुआ जिले में जोध घाटी, चंदरह भेड़ बलोरे, बगरा जंगलोट और दिलवान हटली लखनपुर जैसे इलाकों में भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से सात लोगों की जान चली गई। कई घरों और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा है। राहत बचाव के लिए प्रशासन सतर्क हो गया है।
कठुआ में आई इस आपदा में रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग गंभी रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहीं कठुआ पुलिस स्टेशन भी प्रभावित हुआ है। बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और कई ग्रामीण इलाकों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट गया है।
कठुआ के राजबाग इलाके के जोध गांव में सबसे ज्यादा तबाही हुई, जहां तेज बहाव और मलबे ने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों का कहना है कि पानी इतनी तेजी से आया कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। कई परिवारों ने घर छोड़कर ऊंचाई वाले इलाकों में शरण ली है।
आपदा की सूचना मिलते ही प्रशासन, सेना, SDRF और अर्धसैनिक बलों की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। अब तक छह लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है। कठुआ प्रशासन ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा और जरूरतमंदों तक समय पर सहायता पहुंचाना है। प्रभावित इलाकों में राहत शिविर और अस्थायी आश्रय स्थापित किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित निर्माण कार्यों के चलते बढ़ रही हैं। ये घटनाएं न सिर्फ जनहानि करती हैं, बल्कि क्षेत्र की बुनियादी संरचना को भी लंबे समय तक प्रभावित करती हैं।
Spoken to SSP Kathua Sh Shobhit Saxena after receiving information about a cloud burst in the Janglote area.
4 Casualties reported. In addition, damage has occurred to Railway track, National Highway while Police Station Kathua has been affected.
The civilian Administration,…
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) August 17, 2025
तबाही से बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने कठुआ के SSP से बात की है और हालात पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
आपको बता दें कि हाल ही में किश्तवाड़ में बादल फटा था। इसके बाद पूरा इलाका तबाही में बदल गया। चशोटीऔर पड्डर ताशोति इलाके में अचानक बादल फटने से चिनाब नदी में उफान आया और देखते ही देखते नदी का जलस्तर बढ़ गया। तेज बहाव अपने साथ मकान, गाड़ियां, मंदिर, पुल और लोगों की जिंदगियां बहा ले गया था।