जम्मू-कश्मीर सीएम उमर अब्दुला (फोटो- सोशल मीडिया)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की बदलती तस्वीर को रफ्तार देने वाला एक ऐतिहासिक कदम पूरा हो गया है। दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज और कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के साथ केंद्र शासित प्रदेश को देश से स्थायी रूप से जोड़ दिया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भावुक होकर कहा कि जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ, तब वो स्कूल में पढ़ते थे और अब उनके बच्चे भी स्कूल कॉलेज करके नौकरी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सुविधा केवल रेल संपर्क नहीं है, बल्कि कश्मीरियों को लूट से बचाने और उनके फल-सब्जियों को बाजार तक पहुंचाने के लिए एक सुगम और नया जरिया है।
चिनाब ब्रिज और नई ट्रेन सेवा केवल पर्यटन को ही नहीं, बल्कि स्थानीय कारोबार को भी मजबूती देंगी। भारी बर्फबारी के दौरान जब सड़कों से संपर्क टूट जाता है, तब हवाई सेवाएं महंगी हो जाती थीं और आम लोग ठगे जाते थे। लेकिन अब रेल कनेक्टिविटी से इस तरह की मुश्किलें खत्म होंगी। सेब, चेरी और सूखे मेवे जैसे उत्पाद देश के अलग-अलग हिस्सों तक समय पर पहुंच पाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
#WATCH || I was in 7th class when the project began, We’re being charged Rs 20,000 for a ticket instead of Rs 5,000 when the highway gets closed.
The #vandebharatexpress will be beneficial for the people and significantly reduce the burden caused by highway closures : CM J&K… pic.twitter.com/mFXmTzNW6i
— KNS (@KNSKashmir) June 5, 2025
अब कश्मीरी नहीं होंगे लूट का शिकार
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चिनाब ब्रिज के शुरू होने से जहां एक ओर आवागमन सुगम होगा, वहीं दूसरी ओर बर्फबारी के कारण सड़कों के बंद हो जाने से जो मुश्किलें होती थीं, वे भी दूर होंगी। अब रेल के जरिए लोग सस्ते और सुरक्षित सफर कर सकेंगे। इससे वे दिनों की ठगी से बचेंगे, जब हवाई टिकट की कीमतें अचानक पांच गुना तक बढ़ जाती थीं। ये कनेक्टिविटी अब सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में राहत लेकर आई है।
ब्रिज से लेकर बयान तक, घाटी में बदलाव का संकेत
इस अवसर पर दिए गए कुछ अन्य बयानों ने भी ध्यान खींचा। कहा गया कि यह प्रोजेक्ट इतने लंबे समय से अटका हुआ था कि जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब लोग स्कूल में पढ़ते थे और अब उनके बच्चे काम करने लगे हैं। अब जाकर यह सपना साकार हुआ है। इसके साथ ही यह उम्मीद भी जगी है कि आने वाले समय में घाटी के लोगों को बेहतर और सुलभ सुविधाएं मिलेंगी।