दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सतेन्द्र जैन (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली के बहुचर्चित 2000 करोड़ रुपये के क्लासरूम घोटाले मामले में एसीबी की जांच तेज हो गई है। इस सिलसिले में पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गई। उनसे लगभग 35 सवाल किए गए, लेकिन वे अधिकांश का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। पूछताछ के दौरान उन्होंने फैसलों को कैबिनेट और शिक्षा विभाग पर टालने की कोशिश की, लेकिन ठोस दस्तावेज नहीं दिखा पाए। यह मामला राजधानी के सरकारी स्कूलों में 12 हजार से अधिक कक्षाओं के निर्माण में अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।
पूछताछ से पहले जैन ने खुद को राजनीतिक साजिश का शिकार बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण काम किया और यह जांच जनता का ध्यान भटकाने की एक चाल है। उनका दावा था कि मौजूदा सरकार निजी स्कूलों को बढ़ावा दे रही है और असली मुद्दों से भाग रही है। हालांकि, एसीबी की टीम ने पूछताछ के दौरान उनसे सभी खर्चों और फैसलों के पीछे का लिखित आधार मांगा, जो वे उपलब्ध नहीं करा सके।
#WATCH | AAP leader and former Delhi Minister Satyendar Jain arrives at Anti-Corruption Bureau (ACB) office.
ACB has issued a summon to him over alleged corruption in the construction of classrooms in Delhi government schools. pic.twitter.com/7fOJy2OttW
— ANI (@ANI) June 6, 2025
एसीबी के सवालों में उलझे सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन को एसीबी ने दिल्ली सिविल लाइंस स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। लगभग पांच घंटे चली इस पूछताछ में उनसे 35 सवाल पूछे गए। लेकिन वे अधिकतर का स्पष्ट जवाब देने में असमर्थ रहे। उन्होंने कई बार कहा कि फैसले कैबिनेट की सहमति से हुए, लेकिन जब उनसे लिखित प्रमाण मांगे गए तो कोई दस्तावेज नहीं दे पाए। उन्होंने कुछ जवाबों की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग पर डालने की भी कोशिश की।
राजनीतिक साजिश का आरोप, लेकिन जवाब नदारद
पूछताछ से पहले उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें और अन्य नेताओं को राजनीतिक साजिश के तहत तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था में जो सुधार हुआ, वह विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। लेकिन एसीबी के सामने वे किसी भी सवाल का सटीक और दस्तावेजी जवाब देने में विफल रहे। अब इसी मामले में एक और पूर्व मंत्री को 9 जून को बुलाया गया है।