कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर दरिंदगी मामला
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी के मेडिकल कॉलेज में घटी घटना पर पूरे देश की नजर है। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट में आज एक याचिका पर सुनवाई की गई। जिसमें कोर्ट ने इस मामले में बंगाल सरकार से कई तीखे सवाल किए है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार पर प्रिंसिपल को बचाने का आरोप लगाया है। कोर्ट की ओर से पूछा गया कि आप प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? साथ ही कोर्ट ने राज्य के सरकारी वकील से पूछा कि क्या आप कोर्ट को यह भरोसा दिलाएंगे कि जांच में पारदर्शीता रखी जाएगी। किसी भी सबूत को नष्ट नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कई तीखे सवाल भी किए हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा कि इस मामले में क्या अबतक किसी विशेष जांच दल को गठित किया गया? साथ अदालत की ओर से पूछा गया कि क्या इस मामले में अबतक प्रिंसिपल का बयान लिया गया है? कोर्ट के इन सभी सवालों का जवाब देते हुे राज्य सरकार के वकील ने बताया कि इस मुद्दे पर 7 सदस्यीय SIT टीम का गठन किया गया है।
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अतिरिक्त पुलिस आयुक्त की निगरानी में मामले की जांच की जा रही है। हालांकि इस मामले में अभी प्रिंसिपल का बयान नहीं लिया गया है। साथ ही सरकारी वकील ने कहा कि घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को इकट्ठा की जा रही है। जिससे संदिग्धों की पहचान कर उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल डॉ संदीप घोष ने इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुे 12 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद स्वास्थ बंगाल द्वारा स्वास्थ्य भवन में ड्यूटी कर रहे डॉ. सुहिता पाल को आरजी कर मेडिकल कॉलेज का नया प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है। कोर्ट ने चीफ जस्टिस के इस्तीफा और नियुक्ति पत्र को पेश करने का आदेश दिया है।