सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- IANS)
IMD Weather Update: देश में मानसून का असर अब कम होने लगा है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक बारिश की रफ्तार कम हो गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, देश के ज्यादातर राज्यों को बारिश से राहत मिलने वाली है। हालांकि 5 राज्यों में ‘आसमानी आफत’ आने का भी अनुमान है।
आपको बता दें कि मानसूनी बारिश के चलते उफन रही नदियों का जलस्तर अब तेजी से घट रहा है। पंजाब, कश्मीर में भी लोगों को राहत मिलनी शुरू हो गई है। इसके साथ राजस्थान और गुजरात में भी हालात नॉर्मल होने लगे हैं।
दिल्ली में कल यानी 14 सितंबर को बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। कहा जा रहा है कि उमस भरी गर्मी कल लोगों को परेशान करने वाली है। सबसे राहत की बात यह है कि यमुना का जलस्तर अब तेजी से कम हो रहा है और बाढ़ पीड़ित शिविरों से अपने घरों को लौट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में कल यानी 14 सितंबर को बारिश की संभावना बेहद कम है। मौसम विभाग ने सभी जिलों को ग्रीन जोन में रखा है, यानी किसी भी इलाके में बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, पिछले दिनों यूपी में भारी बारिश हुई थी, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए थे।
बिहार के कई जिलों में कल यानी 14 सितंबर को जोरदार बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, खगड़िया, भागलपुर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, अधिकांश जिलों में आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की गई है।
भारतीय मौसम विभाग ने कल यानी रविवार को पश्चिम बंगाल के साथ-साथ नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों के लिए खतरे की घंटी बजाई है। असम-मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में कल बहुत भारी बारिश की आशंक जताई गई है। इसके साथ ही पश्चिम में कोंकण और गोवा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में कल यानी 14 सितंबर को नगण्य बारिश होगी। केवल नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। आपको बता दें कि पिछले दिनों उत्तराखंड में बादल फटने से भारी नुकसान देखने को मिला था।
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हिमाचल के तीन जिलों में कल यानी 14 सितंबर को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, मंडी, कांगड़ा और सिरमौर में बारिश लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती है। आपको बता दें कि जून महीने से अब तक भारी बारिश के कारण 400 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं मध्य प्रदेश में कम बारिश की संभावना न के बराबर है।