नई दिल्ली : भारत के प्रसिद्ध लेखक अरविंद अडिग ने कलम के जोर पर पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने अपने पहले ही उपन्यास ‘द व्हाइट टाइगर’ के लिए साल 2008 में ‘मैन बुकर पुरस्कार’ अपने नाम किया है।
आपको बता दें कि ‘द व्हाइट टाइगर’ ये एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो सफलता पाने के लिए किसी भी रास्ते को गलत नहीं मानता है। आज भारत का नाम दुनिया भर में मशहूर करने वाले हमारे देश के प्रसिद्ध लेखक अरविंद अडिग का जन्मदिन है, इस खास अवसर पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे है। तो चलिए जानते है….
आपको बता दें कि अरविंद अडिग का जन्म 23 अक्टूबर, 1974 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुई, जिसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। उन्होंने दो साल तक ‘टाइम पत्रिका’ के लिए भारत में काम किया और कई अन्य अख़बारों के लिए लिखते रहे। इस तरह अपने व्यक्तिगत विकास करते हुए आज वो देश के प्रसिद्ध लेखक है।
जैसे की हमने आपको बताया अरविंद अडिग को अपने उपन्यास ‘द व्हाइट टाइगर’ के लिए वर्ष 2008 के ‘मैन बुकर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार भारत की एक नई तस्वीर उकेरने के लिए दिया गया, जिसने निर्णायक समिति के सदस्यों को स्तब्ध भी किया और उनका मनोरंजन भी किया। आपको बता दें कि बुकर पुरस्कारों की शार्ट लिस्ट में छह लेखक थे, जिसमें अडिग के अलावा भारतीय मूल के अमिताभ घोष, सेबेस्टियन बैरी, स्टीव स्टोल्ट्ज, लिंडा ग्रांट और फिलिप हेनशर थे।
बुकर पुरस्कार के जजों के चेयरमैन और पूर्व राजनेता माइकल पोर्टिलो का कहना था कि- कई मायनों में यह एक संपूर्ण उपन्यास था।अरविंद अडिग का कहना था- मैं यह पुरस्कार नई दिल्ली के लोगों को समर्पित करना चाहूंगा, क्योंकि यही वो जगह है, जहां मैं रहा और यह किताब लिख पाया। तीन सौ साल पहले दिल्ली दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में था और मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि दिल्ली एक बार फिर दुनिया के महत्वपूर्ण शहरों में गिना जाएगा।