
सूर्यग्रहण। इमेज-एआई
Total Solar Eclipse: जल्द ही एक बहुत ही दुर्लभ पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सामान्य ग्रहणों से बहुत अलग है। यह सूर्य ग्रहण 123 वर्षों में सबसे लंबा पूर्ण ग्रहण होगा। इस असाधारण घटना में एक असामान्य बात यह भी है कि सूर्य 6 मिनट और 23 सेकंड के लिए चंद्रमा के पीछे छिप जाएगा। इस दौरान पूरा अंधेरा छा जाएगा। इसे 21वीं सदी में लगने वाले सबसे बड़े सूर्य ग्रहण के तौर पर देखा जा रहा है।
पहले बहुत से लोग इसे 2 अगस्त, 2025 समझ रहे थे, लेकिन यह सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को होगा। यह दुर्लभ और असाधारण घटना है, जिसके लिए दुनिया भर के खगोलविद अभी से तैयारी कर रहे हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, 2027 का पूर्ण सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ घटना होगी, जहां सूर्य चंद्रमा के पीछे पूरी तरह से गायब होगा। इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इस बीच कुछ समय ऐसे भी आएगा जब सूर्य की एक किरण पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगी। दिन में शाम जैसा नजारा हो जाएगा। तापमान 5 से 10 डिग्री गिर सकता है। हवा की दिशा बदलने की संभावना है। खगोलविदों के लिए यह सूर्यग्रहण अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने का दुर्लभ अवसर भी होगा। आमतौर पर पूर्ण सूर्य ग्रहण 3 मिनट से कम के होते हैं।
सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होकर दक्षिणी यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और मध्य-पूर्व के देशों से गुजरेगा। इस दौरान यह स्पेन (दक्षिणी भाग), मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र (Egypt), सऊदी अरब, यमन आदि में स्पष्ट रूप से दिखेगा। अंत में ग्रहण चागोस द्वीपसमूह से गुजरते हुए हिंद महासागर के ऊपर से बाहर निकलेगा। इस खगोलीय घटना को देखने के लिए लीबिया और मिस्र को बेहतरीन स्थान बताया जा रहा।
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भारत में 2 अगस्त 2027 को पूर्ण सूर्यग्रहण नहीं, बल्कि आंशिक सूर्यग्रहण दिखाई देगा। ग्रहण शुरू होने का भारत में अनुमानित समय 15:34 से है। ग्रहण दृश्यता 17:53 बजे तक रहेगी। यानी भारत में दोपहर बाद से शाम तक मौसम अनुकूल रहने पर यह सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। वैज्ञानिक कह रहे कि इतना लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण पिछली सदी में नहीं देखा गया था। इसे अगले 100 साल तक देखना संभव नहीं होगा। स्पेस डॉटकॉम के अनुसार, 2114 तक इस लंबाई का पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा।






