
मंगल ग्रह कैसे बना लाल ग्रह (सौ.सोशल मीडिया)
Lal Grah Diwas: जैसा कि, सब जानते है हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह और पांच बौने ग्रह है। यह सभी ग्रह आकाशगंगा के बाहरी सर्पिल भुजा पर स्थित होते है। सौरमंडल के सभी 8 ग्रह नियम के अनुसार हर दिन सूर्य की परिक्रमा अण्डाकार पथ पर करते है। इन सभी ग्रह के आकार, सरंचना, तापमान और विशेषताएं अलग-अलग है। सभी ग्रहों के रंग भी अलग ही होते है जिनकी अलग व्याख्या है।
कम लोग ही जानते होंगे ग्रहों में से एक ग्रह का रंग लाल है। यह लाल ग्रह की विशेषता को बताने के लिए हर साल यानि आज 28 नवंबर के दिन रेड प्लेनेट डे मनाया जाता है। दरअसल मंगल ग्रह को ही लाल ग्रह कहा जाता है।
मंगल ग्रह को लाल ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। इसके लाल होने का कारण दरअसल इसकी सतह पर आयरन ऑक्साइड (जंग) के कारण लालिमा का दिखाई देना होता है। यहां पर यह लाल रंग मंगल ग्रह को आसानी से पहचानने योग्य बनाता है। कहते हैं कि, मंगल ग्रह में जंग लग गई थी इसलिए उसका रंग लाल नजर आता है। वहीं पर मंगल ग्रह का विशिष्ट लाल रंग कई कारकों के संयोजन का परिणाम है, जिनमें आयरन ऑक्साइड की उपस्थिति, मंगल ग्रह का पतला वायुमंडल, ज्वालामुखी गतिविधि और धूल भरी आंधियां आती है।
यहां पर रेड प्लेनेट डे या लाल ग्रह से जुड़ी कुछ खास जानकारी मिलती है।
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