वित्त मंत्रालय (सौजन्य सोशल मीडिया)
Finance Ministry Issued Instructions: 22 सितंबर से देश में वस्तु और सेवा कर (GST) कि नए दरें लागू हो जाएंगी। एक तरफ सरकार नई जीएसटी दर लागू कर जनता को त्योहारों पर बड़ी सौगात देने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों को दिवाली या अन्य त्योहारों पर मिलने वाले गिफ्ट में कटौती करने की तैयारी कर रही हैं। वित्त मंत्रालय ने सख्ती दिखाते हुए सरकारी गिफ्ट पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार डॉ. सुमंत्र पाल ने यह सलाह दी है।
आर्थिक सलाहकार के इस सलाह पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSU) के कर्मचारी हैरान हैं। बता दें कि, आर्थिक सलाहकार कि ओर 17 सितंबर को लोक उद्यम विभाग (DPE) को पत्र लिखकर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में दीवाली और दूसरे त्योहारों पर गिफ्ट देने की परंपरा को समाप्त करने की सलाह दी गई है। पत्र में कहा गया है कि, कर्मचारियों को गिफ्ट देने से सरकारी खर्च बढ़ता है। अर्थव्यवस्था में जनता के संसाधनों का न्यायपूर्ण उपयोग हो, इसके लिए यह कदम उठाना जरुरी है।
लोक उद्यम विभाग के चीफ एग्जीक्यूटिव को लिखे पत्र में आर्थिक सलाहकार का कहना है कि, यह देखने में आया है कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में दीवाली सहित दूसरे त्योहारों पर गिफ्ट देने की प्रेक्टिस है, इसे बंद कर देना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इन सिफारिशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। जिसको लेकर अब सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से आग्रह किया गया है कि वे इस प्रेक्टिस पर रोक लगा दी जाए। साथ ही आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
वहीं इस निर्देश के बाद केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के कर्मचारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि, यह आदेश उनकी भावनाओं और उत्साह पर बुरा असर डाल सकता है। वहीं नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल का कहना है कि वित्त मंत्रालय का ये निर्देश ठीक नहीं है। उनका कहना है कि, अगर कर्मचारियों को दिवाली या दूसरे त्योहारों पर गिफ्ट मिल जाता है तो इसमें क्या हर्ज है।
यह एक बहुत छोटा सा टोकन होता है, लेकिन इसकी वैल्यू बड़ी होती है। मंजीत सिंह पटेल का कहना है कि, उपहार मिलने से कर्मचारी यह सोचता है कि उसके काम का सम्मान हो रहा है। जिससे वह दोगुने उत्साह से काम करता है। सरकार ने ऐसा आदेश जारी कर गलत किया है। ये कर्मियों का उत्साह तोड़ने वाला कदम है।
ये भी पढ़ें : चिप हो या शिप, भारत में ही बनाओ, जितनी विदेशी निर्भरता उतनी देश की बर्बादी, गुजरात में बोले PM मोदी
बता दें कि लोक उद्यम विभाग वित्त मंत्रालय के अधीन एक नोडल विभाग है, जो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से संबंधित नीतियों और दिशानिर्देशों को तैयार करता है। साथ ही उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। उनके कार्य-निष्पादन, स्वायत्तता व कार्मिक प्रबंधन पर नीतिगत दिशानिर्देश निर्धारित करता है।