पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संदेश, (फोटो- सोशम मीडिया)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर के बाद आज देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया कि टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा,”मैं विश्व समुदाय से भी कहूंगा कि हमारी नीति रही है कि अगर पाकिस्तान से बात होगी तो टेररिज्म पर होगी, पीओके पर होगी।”
पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया ने पाकिस्तान का वो सच देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने पाकिस्तान सेना के अधिकारी उमड़ पड़े थे। उन्होंने कहा,”जब भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना शुरू किया तो पाकिस्तान गुहार लगाने लगा। भारत के ड्रोन्स और मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिन पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो कुछ हुआ, उसने देश और पूरी दुनिया को झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि देश के मासूम नागरिकों को उनका धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने क्रूरता से मार दिया गया। पहलगाम की घटना में आतंकवाद का वीभत्स चेहरा सामने आया।
मोदी ने कहा कि उनके लिए व्यक्तिगत रूप से यह पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस घटना के बाद पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो गया। उन्होंने आगे कहा, “मैं सशस्त्र बलों की इस बहादुरी को, इस देश की माताओं, बहनों और बेटियों को समर्पित करता हूं।” उन्होंने कहा, “हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए हमारे सशस्त्र बलों को खुली छूट दे दी थी। आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए इस ऑपरेशन में 100 से अधिक दुर्दांत आतंकवादी मारे गए।”
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को न्याय की अखंड प्रतिज्ञा बताया। उन्होंने कहा कि छह मई की देर रात और सात मई की सुबह पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ बताया, जिसके तार दुनिया भर में होने वाली आतंकी घटनाओं से जुड़े हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये यूनिवर्सिटी कई आतंकी ठिकाने एक प्रकार से ग्लोबल टेरर की यूनिवर्सिटी रही है। दुनिया में कहीं पर भी बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उन सबके तार कहीं न कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ेरहते हैं।