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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी। उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में “निर्दोष लोगों” को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट व न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एक पीठ को अपराह्न पौने चार बजे इस मामले पर सुनवाई करनी थी, लेकिन इसे समयाभाव के कारण एक सितंबर तक के लिये स्थगित कर दिया गया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, “समय की कमी के कारण, इस मामले पर सुनवाई नहीं की जा सकती। इस मामले को बृहस्पतिवार अपराह्न तीन बजे सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करें।”
जमानत याचिका के जवाब में, गुजरात सरकार ने कहा है कि कार्यकर्ता (सीतलवाड़) ने एक वरिष्ठ नेता के इशारे पर अन्य आरोपियों के साथ साजिश को ‘अंजाम’ दिया था। राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में दावा किया था कि सीतलवाड़ ने उक्त नेता के साथ बैठक की थी और उनसे “काफी रकम” प्राप्त की थी। सीतलवाड़ को इस मामले में जून में गिरफ्तार किया गया था। (एजेंसी)