जीएसटी काउंसिल की बैठक
GST Council News: भारत सरकार ने टैक्स में बड़ी छूट दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षा में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई प्रस्तावों में मुहर लगी है। इस बैठक में सबसे अहम फैसला जीएसटी के स्लैब को लेकर लिया गया है। अब भारत में सिर्फ जीएसटी के दो स्लैब लागू होंगे। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत वाले स्लैब रहेंगे। इसके अलावा सभी स्लैब को खत्म कर दिया गयाा है।
भारतीय उपभोक्ताओं पर सबसे ज्यादा टैक्स का बोझ 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब से पड़ रहा था। अब दोनों स्लैब को खत्म कर दिया गया है। 5 और 18 प्रतिशत वाले स्लैब में ज्यादातर चीजें आ जाएंगी। इसके चलते कई सामान सस्ते हो जाएंगे। वित्त मंत्री के मुताबिक, काउंसिल की बैठक में लिए गए सभी फैसले 22 सितंबर से लागू होंगे।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद बैठक के बाद पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “अब तीन स्लैब हैं – 5%, 18% और एक विशेष स्लैब। एक स्लैब हटा दिया गया है। हमने कहा था कि क्षतिपूर्ति उपकर बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन केंद्र सहमत नहीं हुआ।”।
#WATCH | Delhi: After 56th GST Council meeting, Punjab Minister Harpal Singh Cheema says, “Now there are three slabs – 5%, 18% and a special slab. One slab has been removed. We said the compensation cess should be increased, but the Centre did not agree.” pic.twitter.com/MijtGSLUKs
— ANI (@ANI) September 3, 2025
हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी ने 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा, “सर्वसम्मति से, सभी ने जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने के पक्ष में सहमति व्यक्त की है। अब तीन स्लैब होंगे। प्रभावी रूप से, यह 5% और 18% होगा। 12% और 28% को समाप्त कर दिया गया है। विलासिता की वस्तुओं पर 40% कर लगेगा।”
#WATCH | Delhi: After 56th GST Council meeting, Himachal Pradesh Minister Rajesh Dharmani says, “Unanimously, everyone has agreed in favour of GST rate rationalisation. Now there will be three slabs. Effectively, it will be 5% and 18% percent. 12% and 28% have been abolished.… pic.twitter.com/aErWs2n2D0
— ANI (@ANI) September 3, 2025
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गौरतलब है कि इससे पहले जीएसटी के चार स्लैब थे। कुछ वस्तुओं पर 0-5 प्रतिशत टैक्ट लगते थे, कुछ पर 12 तो कुछ पर 18 से 28 प्रतिशत टैक्स लगते थे। इन चार स्लैब के अंदर सभी वस्तुओं को शामिल किया गया था। कुछ प्रोडक्ट ऐसे भी थे, जो इन चारों स्लैब के अंदरगत नहीं आते थे। जैसे डीजल, पेट्रोल और शराब। ये तीन प्रोडक्ट पर जीएसटी स्लैब से बाहर थे।