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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर अब आगामी 18 जुलाई को सुनवाई करेगी। इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार और नीट-यूजी का आयोजन करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने कोर्ट के बीते 8 जुलाई के निर्देश के अनुसार अपना-अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है।
बेंच ने आज कहा कि कुछ याचिककर्ताओं की पैरवी कर रहे वकीलों को केंद्र और NTA की ओर से दाखिल हलफनामों की प्रति अभी तक नहीं मिल सकी है। इसी के साथ कोर्ट ने ने मामले को आगामी 18 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। NEET विवाद पर सभी स्टेकहोल्डर्स ने बीते 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। कोर्ट ने NEET विवाद से जुड़े 4 स्टेक होल्डर्स – NTA, CBI, केंद्र सरकार और रीटेस्ट की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं से भी रिपोर्ट तलब की थी।
जानकारी दें कि केंद्र ने बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024′ में न तो इस बात के कोई संकेत मिले हैं कि ‘‘बड़े पैमाने पर कदाचार” हुआ और न ही ऐसे संकेत हैं कि स्थानीय उम्मीदवारों के किसी समूह को लाभ पहुंचा हो। नीट-यूजी 2024 में कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के इतिहास में अभूतपूर्व है।
NTA ने अपने हलफनामें में कहा कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा विश्लेषण IIT मद्रास ने किया और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार अंक वितरण में घंटी के आकार के वक्र का अनुसरण किया गया जो बड़े पैमाने पर कराई जाने वाली किसी भी परीक्षा में दिखता है जिससे किसी अनियमितता का संकेत नहीं मिला है।
वहीं NTA ने अपने हलफनामे में यह भी कहा, ‘‘यह विश्लेषण दिखाता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक प्रतीत नहीं होता जो अंकों के वितरण को प्रभावित करेगा।” उसने हलफनामे में प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारियां दी। NTA ने इसके साथ ही कोर्ट में दाखिल अपने अतिरिक्त हलफनामे में कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसिलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू हो रहे चार चरणों में की जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट नीट-यूजी 2024 से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें बीते 5 मई को आयोजित इस परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली तथा नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 8 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई के दौरान माना था कि नीट-यूजी 2024 की शुचिता ‘‘भंग” जरुर हुई है। (एजेंसी इनपुट के साथ)