भिंडरावाले के समर्थन में नारेजबाजी करते खालिस्तान समर्थक (फोटो-सोशल मीडिया)
अमृतसरः ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कई लोगों ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले की पुण्यतिथि पर शिरोमणि अकाली दल (मान गुट) के नेता सिमरनजीत सिंह मान के स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान बड़ी संख्या स्वर्ण मंदिर के अंदर भिंडरावाले की तस्वीरों के साथ लोगों ने भिंडरावाले जिंदाबाद और खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
ऑपरेशन ब्लू स्टार 1 जून से 10 जून, 1984 तक चला, यह सैन्य कार्रवाई 10 दिन तक चली थी। शुक्रवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिख समुदाय ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी मनाई। इस अवसर पर स्वर्ण मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहे।
‘ब्लू स्टार’ का जवाब आज भी सरकार के पास नहींः जसबीर सिंह
पत्रकारों से बातचीत में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने कहा, “सरकार के पास आज तक इस बात का जवाब नहीं है कि सिखों के ऐसे पवित्र स्थान पर हमला क्यों किया गया। सिख अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। उन्होंने भारत सरकार के खिलाफ हमले की घोषणा नहीं की थी। फिर भी बिना किसी नोटिस या चेतावनी के हम पर हमला कर दिया गया, जैसे दुश्मन देशों पर हमला किया जाता है। सात समंदर पार से लोग आज जश्न मना रहे हैं। लोग देश भर में उन लोगों को श्रद्धांजलि देने आए हैं, जिन्होंने हमारे लिए अपने धर्म की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी”
‘खालिस्तान जिंदाबाद के नारा नया नहीं’
जसबीर सिंह रोडे ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों के लेकर कहा कि “ये नारे हमेशा से यहां और दुनिया भर में लगाए जाते रहे हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं है।”
#WATCH | Amritsar, Punjab: People raise slogans of ‘Khalistan zindabad’ as SAD (Mann faction) leader Simranjit Singh Mann reaches the Golden Temple on the 41st anniversary of Operation Blue Star and also the death anniversary of Jarnail Singh Bhindranwale, who was killed during… pic.twitter.com/f0kmGBa1le
— ANI (@ANI) June 6, 2025
आज ही के दिन मारा गया भिंडरावाले
6 जून 1984 को वह दिन था, जब पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में सिख उग्रवाद को रोकने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत स्वर्ण मंदिर में धावा बोला था। बताया गया था कि भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर परिसर में भारी मात्रा में हथियार छिपा रखे थे। भिंडरावाले कट्टरपंथी सिख संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था। जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वह अपने सशस्त्र अनुयायियों के साथ मारा गया था।