कमांडर प्रेरणा देवस्थली और कमांडर ईशान देवस्थली
नई दिल्ली : भारतीय नौसेना में पहली बार कमांडर प्रेरणा देवस्थली और कमांडर ईशान देवस्थली की बहन और भाई की जोड़ी एक ही समय में दो अलग-अलग युद्धपोतों की कमान संभाल रही है। बहन की उपलब्धि के बाद भाई ने भी यह कारनामा कर दिखाया है।
कमांडर प्रेरणा देवस्थली पिछले साल भारतीय नौसेना में युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। वह वर्तमान में फास्ट अटैक क्राफ्ट आईएनएस त्रिंकट की कमान संभाल रही हैं। उनके भाई कमांडर ईशान देवस्थली को अब आईएनएस विभूति की कमान सौंपी गई है जो भारतीय नौसेना का वीर-क्लास मिसाइल पोत है। पोत विभूति अरब सागर में गोवा के तट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिए गए स्टीम पास्ट का हिस्सा था।
दोनों भाई और बहन पश्चिमी कमान के तहत अपने युद्धपोतों की कमान संभाल रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 7 नवंबर को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के साथ विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का दौरा किया और भारतीय नौसेना द्वारा एक परिचालन प्रदर्शन देखा। अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय नौसेना की क्षमताओं और रणनीतिक पहुंच की प्रशंसा की।
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अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारतीय नौसेना की इकाइयाँ लंबे समय तक विशाल क्षेत्रों में तैनात रहती हैं, जो उनकी क्षमताओं और रणनीतिक प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं। आपके सकारात्मक, सक्रिय और त्वरित कार्यों ने समुद्र में अनगिनत लोगों की जान बचाई है। यह मेरे लिए एक विशेष क्षण था, जब बुल्गारिया के राष्ट्रपति ने इस साल की शुरुआत में अपहृत जहाज से बल्गेरियाई चालक दल को बचाने के लिए आभार व्यक्त करने के लिए फोन किया था।
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