मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (सोर्स- सोशल मीडिया)
ECI Press Conference: चुनावी राज्य बिहार में स्पेशल इंटेसिव रिविजन (SIR) को लेकर हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस और आरजेडी समेत महागठबंधन के नेता चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच चर्चा है कि अन्य विपक्षी दलों वाले राज्यों को भी डर है कि उनके यहां भी एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, जिसके चलते वोटर्स के नाम कट सकते हैं।
रविवार के विपक्षी नेताओं खासकर राहुल गांधी के आरोपों के लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अन्य राज्यों में एसआईआर पर जवाब देते हुए कहा कि हम तीनों यानी मुख्य चुनाव आयुक्त और दोनों चुनाव आयुक्त मिलकर इस पर विचार करेंगे। जिसके बाद बंगाल और अन्य राज्यों में भी उचित समय पर एसआईआर होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से जब पूछा गया कि क्या बिहार के बाद पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर होगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया, “हम, चुनाव आयोग के तीनों आयुक्त, उचित समय लेकर बंगाल या देश के अन्य राज्यों में इसका आयोजन कब होगा, इस पर फैसला लेंगे। आने वाले समय में उचित समय पर इसकी तारीखों की घोषणा की जाएगी।”
ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए वोट चोरी और दोहरे मतदान के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इन बेबुनियाद आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही मतदाता डरते हैं। चुनाव प्रक्रिया में एक करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी शामिल थे, क्या इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में ‘वोट चोरी’ हो सकती है? अगर 45 दिनों के भीतर चुनाव याचिका दायर नहीं की जाती और ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए जाते हैं, तो यह भारत के संविधान का अपमान है।
आपको बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चेतावनी दी थी कि अगर राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होता है, तो वह पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से एक भी परिवार का नाम नहीं हटने देंगी। बनर्जी ने कहा कि अगर नाम हटाए गए तो वह विरोध करेंगी और बिहार जैसी स्थिति नहीं होने देंगी।
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ममता बनर्जी ने शहीद दिवस के अवसर पर कोलकाता में कहा था, “अगर बिहार की सूची से लाखों लोगों के नाम हटाए गए और यहां भी ऐसी ही घटनाएं हुईं, तो हम विरोध करेंगे। अगर बंगाल में भी ऐसी घटनाएं हुईं, तो मैं एक भी नाम नहीं हटने दूंगी। हम इसका विरोध करेंगे और इस विरोध को बड़े पैमाने पर बढ़ाएंगे।”