पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश सिंह (सोर्स- सोशल मीडिया)
OP Rawat on Election Commission: वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक प्रजेंटेशन देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने वोटर लिस्ट में कथित तौर पर हुई गड़बड़ियों को सुबूतों के साथ उजागर किया। राहुल गांधी की इस प्रजेंटेशन के बाद से सियासी हंगामा मचा हुआ है। वहीं, अब इस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रतिक्रिया आई है।
भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत का मानना है कि चुनाव आयोग को बेंगलुरु में फर्जी मतदाताओं के बारे में राहुल गांधी के आरोपों की जांच उनके औपचारिक शिकायत दर्ज कराने का इंतज़ार किए बिना ही कर लेनी चाहिए। ओपी रावत 2015 से 2018 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं।
इस विवाद के बारे एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में रावत ने कहा कि जब मैं वहां था तो हमारी नीति यह थी कि अगर किसी पार्टी का कोई वरिष्ठ पदाधिकारी कोई आरोप लगाता है, तो हम स्वतः उसकी जांच करते और आम आदमी के सामने तथ्य पेश करते ताकि व्यवस्था में विश्वास बना रहे। हमने पार्टियों से पहले शिकायत करने के लिए नहीं कहा।
राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज़्यादा फ़र्ज़ी मतदाता थे। उन्होंने कहा कि कम से कम एक ऐसा मतदाता दो मतदान केंद्रों पर पंजीकृत था और उसने दोनों जगह मतदान किया था।
कांग्रेस नेता ने मतदाता सूची के कुछ हिस्सों की स्लाइड्स दिखाते हुए कथित तौर पर साबित किया कि एक ही मतदाता का कई बार पंजीकरण हुआ है, पते ग़लत हैं, एक ही कमरे वाले मकान से 80 लोगों का पंजीकरण हुआ है और महादेवपुरा के मतदाता दूसरे राज्यों में भी पंजीकृत हैं।
कांग्रेस ने शुक्रवार को बेंगलुरु में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। इंटरनेट पर भी इन कथित फ़र्ज़ी मतदाताओं के बारे में दावों और प्रतिदावों की भरमार रही। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी कांग्रेस से इस विवाद पर शुक्रवार को सौंपे गए ज्ञापन के समर्थन में दस्तावेज जमा करने को कहा।
कुछ लोगों ने शुक्रवार सुबह कुछ समय के लिए मतदाता सूची डाउनलोड करने के लिंक तक पहुंचने में असमर्थता की शिकायत की, जिससे यह आरोप लगने लगे कि राहुल के दावों के बाद चुनाव आयोग (ईसी) मतदाता सूची में छेड़छाड़ कर रहा है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने इससे इनकार किया।
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आयोग के सूत्रों ने पत्रकारों के साथ अनौपचारिक रूप से एक परिवार के सदस्यों की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वे अपने मतदाता पहचान पत्र पकड़े हुए थे। इस परिवार को राहुल की फर्जी मतदाताओं की सूची में इसलिए शामिल किया गया था क्योंकि उनकी पार्टी को दी गई मतदाता सूची की प्रति में इसके सदस्यों की तस्वीरें नहीं दिख रही थीं।
राहुल गांधी को शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे, भाकपा सांसद पी. संतोष कुमार, राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल और भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित अन्य कई विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन भी हासिल हुआ है।