आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 81वीं जयंती (फोटो- सोशल मीडिया)
Rajiv Gandhi Birthday Special: आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 81वीं जयंती है। 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी भारतीय राजनीति के ऐसे चेहरे रहे जिन्होंने देश को आधुनिक तकनीक और डिजिटल भविष्य की ओर अग्रसर करने के लिए क्रांतिकारी भूमिगा निभाई। वह भारत के सातवें और सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने और अपने कार्यकाल में कंप्यूटर और टेलीकॉम क्रांति की नींव रखी। उनकी दूरदृष्टि ने देश को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का रास्ता दिखाया और यही कारण है कि उन्हें भारत में आईटी और डिजिटल युग की शुरुआत का बहुत बड़ा श्रेय दिया जाता है।
राजीव गांधी ने केवल राजनीति ही नहीं, बल्कि समाज और युवाओं के लिए नई सोच का वातावरण बनाया। वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश में कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) को आम लोगों तक पहुंचाने का साहसिक कदम उठाया। उनके कार्यकाल में एमटीएनएल और वीएसएनएल जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों की शुरुआत हुई। इस बदलाव ने आने वाले वर्षों में भारत को डिजिटल इंडिया बनने की मजबूत नींव दी। इस तकनीकी क्रांति में दूरदर्शी वैज्ञानिक सैम पित्रोदा का योगदान भी अहम रहा जिन्होंने राजीव गांधी के साथ मिलकर भारत में सूचना क्रांति को दिशा दी।
उस दौर में कंप्यूटर लाना बेहद कठिन और महंगा था। राजीव गांधी की पहल पर सरकार ने कंप्यूटर को अपने कंट्रोल से बाहर कर पूरी तरह असेंबल्ड कंप्यूटर के आयात को अनुमति दी। इससे कीमतें घटनी शुरू हुईं और धीरे-धीरे कंप्यूटर चुनिंदा संस्थानों से निकलकर आम लोगों की पहुंच तक पहुंचा। सैम पित्रोदा ने भी स्पष्ट कहा था कि ‘डिजिटल इंडिया की नींव नरेंद्र मोदी ने नहीं, बल्कि राजीव गांधी ने रखी थी।’ यही वह समय था जब भारत ने तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र का नया युग शुरू हुआ।
राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश अचानक किया। वे पहले इंडियन एयरलाइंस में पायलट थे, लेकिन 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की असामयिक मृत्यु के बाद 1981 में राजनीति में आए। राजीव गांधी की राजनीति में बिलकुल भी रुचि नहीं थी लकिन उन्होंने अपनी मां के कहने पर राजनीति में प्रवेश किया था। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बनने वाले नेता है। हर साल 20 अगस्त को उनके जन्मदिन पर सद्भावना दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता और विभिन्न दलों के नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। दिल्ली स्थित उनके समाधि स्थल ‘वीरभूमि’ पर आज भी बड़ी संख्या में लोग उन्हें याद करने पहुंचते हैं।
यह भी पढ़ें: गांधीवादी से कम्युनिस्ट क्रांतिकारी: कहानी एक ऐसे लीडर की जिसने लिखी क्रांति की नई इबारत
राजीव गांधी ने भारत को एक नई दिशा दी। उनका विश्वास था कि युवा शक्ति और तकनीक के दम पर ही देश को आगे बढ़ाया जा सकता है। आज जब भारत डिजिटल इंडिया की बात करता है तो उसकी नींव में कहीं न कहीं राजीव गांधी के सपनों और विज़न की छाप स्पष्ट दिखाई देती है।