बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा के विरोध में नोएडा और गाजियाबाद में प्रदर्शन
नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यक के खिलाफ हो रही हिंसा की घटनाओं को लेकर नोएडा और गाजियाबाद में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। नोएडा के सेक्टर-33 स्थित इस्कॉन मंदिर के पीछे ग्राउंड में विरोध प्रदर्शन का हुआ। हिंदु और अल्पसंख्यकों पर बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के खिलाफ आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में बीजेपी सांसद महेश शर्मा भी शामिल हुए।
विरोध प्रदर्शन के दौरान हिन्दू संगठनों के कई सीनियर नेता भी मौजूद रहें। इसके साथ ही साधु संत भी विरोध प्रदर्शन में पहुंचे। विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी तरह की बवाल न होने पाए, इसको लेकर सुरक्षा में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोग भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हिंसा को लेकर कड़े एक्शन की मांग कर रहे हैं।
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हमले के विरोध का असर दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी देखने को मिला। बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई और वहां पर रह रहे हिंदुओं पर लगातार उत्पीड़न प्रताड़ना और हिंसा के विरोध में गाजियाबाद में प्रचंड विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही विरोध प्रदर्शन में जुटे लोगों ने हिंसा के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन देने की भी बात कही।
प्रदर्शन में शामिल आशीष ने कहा कि पूरे विश्व समुदाय को जो प्रयास किया जाना चाहिए था, वह अभी तक उस स्तर पर नहीं हो रहा है। बांग्लादेश में हिंदुओं के इस विनाश पर पूरा विश्व समुदाय व विश्व की तथा-कथित शांति संगठन भी मौन व्रत लिए हुए हैं। विश्व में शांति स्थापित करने वाले व कथित मानव अधिकार संगठन एवं वैश्विक संगठन भी बांग्लादेश में हिंदुओं के विनाश और हिंदू महिलाओं के जबरन धर्मांतरण व बलात्कार पर आंखें मूंदे हुए हैं।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि बांग्लादेश में हुई महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर वो गुस्से में हैं और कहा कि हमने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी है। हिंदू समाज रक्षा समिति ने कहा कि बांग्लादेश की सरकार भी कट्टरपंथियों के समर्थन में लगातार हिंदू समुदाय पर जुल्म पर मूकदर्शक बनी हुई है। बांग्लादेश में हिंदू नरक के समान जीवन व्यतीत कर रहा है। पुलिस प्रशासन व किसी भी संस्था से उसे किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल रही है।
बांग्लादेश में जो वर्तमान में वातावरण है, वह हिंदू समुदाय के लिए इस कदर भयानक हो चुका है कि वहां की सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं सभी मिलकर हिंदू समाज का शोषण कर रहे हैं। इस्कॉन एवं अन्य हिंदू समाज के संगठनों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए इस संबंध में लोकतांत्रिक तरीके से वहां पर अपने कष्ट को प्रकट किया था, किंतु कट्टरपंथियों के प्रभाव वाली वहां की सरकार ने दमनकारी नीति अपनाते हुए सभी को जेल में डाल दिया या उनके विरुद्ध झूठे मुकदमे पंजीकृत कर दिए हैं।