प्रियांक खड़गे (सोर्स- सोशल मीडिया)
बेंगलुरु: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने अपने नए बयान से नए विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि अगर कांग्रेस दोबारा केंद्र की सत्ता में आती है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस को पूरे देश में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार आरएसएस की आलोचना करते रहे हैं। इतना ही नहीं वह संगठन पर देश को बांटने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर देशव्यापी प्रतिबंध लगाने की बात कहकर नया राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है।
प्रियांक खड़गे ने कहा कि देश में नफरत कौन फैला रहा है, सांप्रदायिक हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है, संविधान बदलने की बात कौन कर रहा है? प्रियांक खड़गे ने कहा कि आरएसएस अपनी राजनीतिक शाखा भाजपा से अहम सवाल क्यों नहीं पूछता कि देश में बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है, पहलगाम में आतंकी हमला कैसे हुआ? यह न पूछकर संघ के लोग समाज में नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत देश में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक ने कहा कि क्या ईडी, आईटी जैसी सभी जांच एजेंसियां सिर्फ विपक्ष के लिए हैं, सरकार आरएसएस की जांच क्यों नहीं करती, उनके पास पैसा कहां से आ रहा है, उनकी आय का स्रोत क्या है। प्रियांक खड़गे ने कहा कि संघ के लोग हर बार नफरत फैलाने वाली बातें करके और संविधान बदलने की बात करके कैसे बच निकलते हैं, आर्थिक अपराध करके कैसे बच निकलते हैं, इन सभी मुद्दों की जांच होनी चाहिए।
यह पहली बार नहीं है जब प्रियांक खड़गे ने इस तरह का बयान दिया हो। दो साल पहले भी उन्होंने कर्नाटक के संदर्भ में कहा था कि अगर कोई संगठन राज्य में शांति भंग करने या सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश करता है तो सरकार उस पर बैन लगाने में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाएगी।
कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने घोषणापत्र में कहा था कि राज्य में सत्ता में आते ही वह बजरंग दल, पीएफआई समेत जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और उन पर बैन लगाएगी।
केशव बलराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन RSS की स्थापना की थी। लेकिन अब तक इस संगठन पर अलग-अलग कारणों से तीन बार प्रतिबंध लग चुका है। 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर 18 महीने का प्रतिबंध लगा था, क्योंकि बापू की हत्या का संबंध RSS से था।
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इसके बाद 1975 में इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल का विरोध करने पर RSS पर प्रतिबंध लगा दिया, जो दो साल तक जारी रहा। तीसरी बार 1992 में RSS पर प्रतिबंध लगा, क्योंकि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस में संघ की भूमिका थी। लेकिन 6 महीने बाद यह प्रतिबंध हटा लिया गया।