प्रधानमंत्री मोदी, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस दौरे से पहले उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों में एक “नया और उज्ज्वल” अध्याय जोड़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी, मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर वहां गए हैं और 12 मार्च को होने वाले मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस रवाना होने से पहले जारी एक बयान में कहा, ‘‘मैं अपने सागर विजन के हिस्से के रूप में, अपने लोगों की प्रगति और समृद्धि के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए अपनी स्थायी मित्रता को मजबूत करने तथा अपने सभी पहलुओं में अपनी साझेदारी को बढ़ाने के लिए मॉरीशस नेतृत्व के साथ जुड़ने के अवसर की प्रतीक्षा में हूं.”
सागर का मतलब है “क्षेत्र में सबके लिए सुरक्षा और विकास” (Security and Growth for All in the Region) से है। भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में हिस्सा लेंगी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में मॉरीशस भारत का नजदीकी समुद्री पड़ोसी, महत्वपूर्ण साझेदार और अफ्रीकी महाद्वीप में प्रवेश का द्वार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच इतिहास, भूगोल और संस्कृति के गहरे संबंध हैं। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि आपसी विश्वास, लोकतांत्रिक मूल्यों में समान आस्था और अपनी सांस्कृतिक विविधता पर गर्व करना ही हमारी असली ताकत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंध दोनों देशों के लिए गर्व का विषय हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि यह यात्रा दोनों देशों के पुराने मजबूत संबंधों पर आधारित होगी और भारत-मॉरीशस साझेदारी में एक नया और उज्ज्वल अध्याय जोड़ेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में जनहित से जुड़ी पहलों के जरिए दोनों देशों के रिश्तों में बड़ी प्रगति हुई है। भारत, मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। सिंगापुर के बाद, वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत मॉरीशस था।