
नियम सुविधा के लिए हों, न कि जनता को परेशानी में डालने...इंडिगो मामले के बीच पीएम मोदी ने क्या कहा?
IndiGo Crisis: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बीजेपी और एनडीए सांसदों की बैठक को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। संसद के शीतकालीन सत्र के बीच हुई इस बैठक में पीएम मोदी ने खासतौर पर नियमों और कानूनों के सुधार की जरूरत पर जोर दिया। उनका कहना था कि हमें ऐसे सुधारों की आवश्यकता है जो सुशासन को बेहतर बना सकें और लोगों को किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में इंडिगो एयरलाइंस के संकट पर भी चर्चा की, जो 2 दिसंबर से शुरू हुआ था और जिसके कारण एक सप्ताह तक उड़ानों में भारी रद्दीकरण देखा गया था। हालांकि, पायलटों के ड्यूटी नियमों को वापस लेने के बाद इंडिगो की उड़ानों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी ने सांसदों को केंद्र, राज्य और अपने संसदीय क्षेत्र के लिए अपनी जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताया। पीएम ने जोर दिया कि सुधार केवल आर्थिक या वित्तीय सुधार तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य आम लोगों की जिंदगी को आसान बनाना होना चाहिए। उन्होंने कहा, “कानून और नियमों का उद्देश्य लोगों को सुविधा देना होना चाहिए, न कि उन्हें परेशानी में डालना।”
पीएम मोदी ने सांसदों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं और वहां के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से जुड़े समारोहों में शामिल होने की सलाह भी दी।
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पीएम मोदी ने बैंकों में पड़े 78,000 करोड़ रुपये को वापस दिलाने के लिए सांसदों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि यह जनता के पैसे हैं और इन्हें वापस लाने में सांसदों का सक्रिय योगदान महत्वपूर्ण होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में सांसदों से अपने कार्यों को और तेज गति से करने की भी अपील की, ताकि देश को उनके तीसरे कार्यकाल में तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।






