पीएम मोदी(फोटो-सोशल मीडिया)
विशाखापत्तनमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग दिवस के अवसर पर तनाव से गुजर रही दुनिया को शांति का संदेश दिया। उन्होंने विशाखापत्तनम में सागर के तट पर आयोजित योग कार्यक्रम से पहले अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंरिक शांति को वैश्विक नीति के रूप में अपनाने की अपील की। साथ ही इसे वैश्विक जिम्मेदारी बनाने का आग्रह किया।
11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने दुनियाभर से योग को न केवल एक व्यक्तिगत या सांस्कृतिक अभ्यास के रूप में अपनाने का आह्वान किया, बल्कि मानवता को एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में अपनाने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है, तो योग शांति की दिशा दिखाता है।
योग दिवस पर वैश्विक समुदाय से पीएम मोदी की अपील
पीएम ने कहा कि “मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर वैश्विक समुदाय से आग्रह करना चाहूंगा कि इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मानवता के लिए योग की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाए। यह वह दिन हो जब आंतरिक शांति एक वैश्विक नीति बन जाए, जहां योग को न केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास के रूप में अपनाया जाए, बल्कि वैश्विक साझेदारी और एकता के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में अपनाया जाए। इसके आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश और हर समाज योग को एक साझा जिम्मेदारी और सामूहिक कल्याण की दिशा में एक साझा योगदान बनाए।
तट पर तैनात रहा नौसेना का जहाज
यह कार्यक्रम सुंदर विशाखापत्तनम तट पर आयोजित किया गया था, जिसमें भारतीय नौसेना के जहाज तट के पास तैनात थे, जिससे उत्सव की भव्यता बढ़ गई। पीएम मोदी के साथ आंध्र प्रदेश के लाखों योग उत्साही, निवासी और गणमान्य लोग शामिल हुए। योग के माध्यम से एक वैश्विक जन आंदोलन का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आइए हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन जो दुनिया को शांति, स्वास्थ्य और सद्भाव की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक साथ बांधने का माध्यम बने। जहां योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ एक वैश्विक संकल्प बन जाता है।
योग दिवस का 175 देशों ने किया था समर्थन
नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनिया भर के लोगों को शुभकामनाएं दीं। योग दिवस की यह 11वीं वर्षगांठ हैं। 21 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2014 में विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई थी। इसकी पहल भारत की तरह से की गई थी। संयुक्त राष्ट्र में जब भारत ने विश्व योग दिवस का प्रस्ताव रखा तो 175 देशों ने भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से ही योग एक विश्वव्यापी अभ्यास बन गया है, जो शांति, संतुलन और सहयोग का प्रतीक है। आज पूरी दुनिया में लोग योग कर रहे हैं।
योग हमें मैं से हम की ओर ले जाता हैः पीएम
पीएम ने कहा कि योग हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं, हम प्रकृति का एक अभिन्न अंग हैं। शुरुआत में यह हमें अपने स्वास्थ्य और कल्याण की देखभाल करने में मदद करता है, लेकिन धीरे-धीरे जागरूकता बढ़ती है। इसके बाद हम न केवल अपने लिए बल्कि अपने पर्यावरण, अपने समाज और अपने ग्रह की भी देखभाल करना शुरू कर देते हैं। योग एक ऐसी प्रणाली है जो हमें ‘मैं’ से ‘हम’ की ओर ले जाती है।’