पद्मश्री कमला पुजारी के निधन पर पीएम ने जताया शोक
नई दिल्ली : पद्मश्री कमला पुजारी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक प्रकट किया है। पीएम मोदी कमला पुजारी के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि कमला पुजारी जी ने कृषि क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। वह आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने का एक स्तंभ थी।
शनिवार को कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देकर विश्व में भारत का नाम रोशन करने वाली पद्मश्री कमला पुजारी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुःख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि ” दिवंगत कमला पुजारी जी के निधन से दुख हुआ। उन्होंने कृषि में उल्लेखनीय योगदान दिया, विशेष रूप से जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और स्वदेशी बीजों की रक्षा करने में।
पीएम मोदी ने आगे लिखा कि स्थिरता को समृद्ध करने और जैव विविधता की रक्षा करने में उनके काम को वर्षों तक याद किया जाएगा। वह आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने में भी एक प्रकाशस्तंभ थीं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।
Pained by the passing away of Smt. Kamala Pujari Ji. She made a monumental contribution to agriculture, particularly boosting organic agricultural practices and protecting indigenous seeds. Her work in enriching sustainability and protecting biodiversity will be remembered for… pic.twitter.com/GUupabkQ9m
— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2024
ओडिशा के सीएम मोहन माझी ने भी कमला पुजारी के निधन पर शोक जताया था। उन्होंने कहा कि पद्मश्री कमला पुजारी ने जैविक खेती और पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। देशी धान की किस्मों और बीजों को संरक्षित करने वाली कमला पुजारी के योगदान को ओडिशा कभी नहीं भूल सकता।
आपको बता दें कि एग्रीकल्चर एक्टीविस्ट पद्मश्री कमला पुजारी का शनिवार को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो गया है। वह लंबे अरसे से बीमार चल रही थी। डॉक्टरों के मुताबिक उनका निधन इलाज के दौरान हार्ट अटैक आने से हुआ है।
ओडिशा के कोरापुट की रहने वाली कमला पुजारी को कृषिक्षेत्र में विशेष योगदान के लिए जाना जाता है। आदिवासी समाज से आने वाली पद्मश्री कमला पुजारी ने 2002 में साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ‘इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड’ जीतकर ओडिशा के साथ साथ देश का नाम रोशन किया था। उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए अपना जीवन समर्पित कर दिया।