विदेश सचिव विक्रम मिसरी
नई दिल्ली: संसदीय समिति की बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सांसदों को बताया कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी। विक्रम मिसरी ने कहा कि सीजफायर में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं थी। यह फैसला द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था। उन्होंने समिति को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी।
मिसरी ने समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पारंपरिक क्षेत्र में रहा है और पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु संकेत नहीं दिया गया है। जानकारी के मुताबिक बैठक में शामिल कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी मंच का इस्तेमाल किया था? मिसरी ने इस पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया है।
सोमवार को संसद के एनेक्सी भवन में विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति की बैठक हुई। बैठक के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने संसदीय समिति में शामिल सांसदों को ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी।
#WATCH | Congress MP Shashi Tharoor, who is leading one of the 7 delegations which will carry India’s message of zero-tolerance against terrorism to the world, says, “The briefing for my delegation is going to be only on Friday. So, honestly, I am not going to say anything right… pic.twitter.com/D4stfjxhBM
— ANI (@ANI) May 19, 2025
बैठक में समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद रविशंकर प्रसाद, सतनाम सिंह, नवीन जिंदल, अपराजिता सारंगी, अरुण गोविल और आरपीएन सिंह शामिल रहे।
पाकिस्तान को बेनकाब करने विदेश जाने वाले डेलिगेशन में से एक का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मेरे डेलिगेशन की ब्रीफिंग शुक्रवार को ही होगी। इसलिए मैं अभी कुछ नहीं कहूंगा। कुछ टीमें पहले ही रवाना हो रही हैं और इसलिए उन्हें कल अपनी बैठक करनी होगी।
थरूर ने आगे कहा कि हमारा प्रतिनिधिमंडल थोड़ा देर से रवाना हो रहा है क्योंकि अमेरिका में मेमोरियल डे वीकेंड है और अमेरिका में संसद का सत्र दो जून तक नहीं है। इसलिए वहां बहुत जल्दी पहुंचने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए हम देर से पहुंच रहे हैं और देर से जा रहे हैं। हम 24 मई को रवाना होंगे। हम पहले गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और फिर अंत में अमेरिका जा रहे हैं।