रणधीर जायसवाल, फोटो - सोशल मीडिया
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद भारत ने अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से साफ कह दिया है कि उसे पहले पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) खाली करना होगा, उसके बाद ही द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो सकेगी और सभी मामले सुलझ सकेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 13 मई दिन मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारा लंबे समय से यह रुख रहा है कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए, इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने साफ कहा कि कश्मीर मुद्दे पर हमें किसी तीसरे पक्ष की मौजूदगी मंजूर नहीं है।
रणधीर जायसवाल ने साफ लहजे में कहा, कश्मीर पर इस्लामाबाद के साथ एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को भारत को वापस करना है। जायसवाल ने यह भी बताया कि बीते 10 मई को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद ही संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी।
MEA प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान की ओर से उसी दिन दोपहर 12.37 बजे अनुरोध किया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि तकनीकी कारणों से उस समय होटल में दोनों डीजीएमओ से संपर्क नहीं हो पाया था, इसलिए दोपहर 3.35 बजे दोनों के बीच फिर से बातचीत संभव हो पाई।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि उसी दिन सुबह हवाई हमलों में पाकिस्तान के एयरबेस तबाह कर दिए गए। जायसवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि संघर्ष विराम के लिए व्यापार का जिक्र किया गया था। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि अमेरिकी नेताओं के साथ बातचीत में व्यापार का कोई जिक्र नहीं था।
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आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि आज के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कश्मीर पर इस्लामाबाद के साथ एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को भारत को वापस करना है।