पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार, फोटो - सोशल मीडिया
इस्लामाबाद : भारत-पाकिस्तान तनाव खत्म होने के बाद सब कुछ अब सामान्य रूप से धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा है। पर पाकिस्तान के बॉर्डर वाले इलाके में अभी भी तनाव जैसा माहौल बना हुआ है। पूर्ण सीजफायर पर बात होने के बाद भी बीते रात खबर आई थी कि पाकिस्तान फिर से सीजफायर तोड़ने का प्रयास किया है।
ऐसे में अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का कहना है कि हमने भारत के खिलाफ परमाणु हथियार तैनात करने के बारे में कभी नहीं सोचा था। सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने दावा किया कि हम भारत से जमीन और आसमान दोनों जगह लड़ने में सक्षम हैं, जबकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पैदा हुए युद्ध जैसे हालात में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह नुकसान उठाना पड़ा है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि हमने भारत के खिलाफ परमाणु हथियार तैनात करने के बारे में कभी नहीं सोचा था। इशाक डार ने आगे कहा कि कभी-कभी ऐसी गंभीर परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं कि आपको कुछ फैसले लेने पड़ते हैं, लेकिन हम परमाणु हथियार तैनात किए बिना भी तनाव को संभालने में सक्षम हैं।
इतना ही नहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने एक और धमकी देते हुए कहा कि अगर सिंधु जल संधि का मुद्दा नहीं सुलझा तो भारत और पाकिस्तान के बीच लागू संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है। इशाक डार ने इस ओर भी इशारा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली अगली बैठक में सिंधु जल समझौते पर चर्चा होनी चाहिए।
इशाक डार ने कहा कि अगर जल संधि का मुद्दा नहीं सुलझा तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। इतना ही नहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा क्षेत्रीय शांति के लिए अहम है। अगर कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझा तो स्थायी शांति भी मुश्किल में पड़ सकती है। पाकिस्तानी मंत्री के बयान से यह बात तो साफ है कि सिंधु जल संधि का रुकना उनके लिए बेहद दुखद साबित हो रहा है।
आपोक जानकारी के लिए बताते चलें कि पाकिस्तान में पंजाब से लेकर सिंध तक सिंधु नदी का पानी खेतों की सिंचाई से लेकर पीने के पानी तक के लिए अहम होता है। फिलहाल, भारत ने सिंधु जल समझौता रोकने का सिर्फ ऐलान किया है और जमीन पर इसका कोई असर नहीं है।
लेकिन जिस तरह से भारत सरकार ने हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट्स पर बांधों के निर्माण में तेजी लाने के प्रयास शुरू किए हैं, उससे पाकिस्तान में आशंकाओं का दौर पैदा हो गया है। पाकिस्तानियों को लगता है कि अगर भारत सिंधु का पानी मोड़ने में सफल हुआ तो उन्हें पीने के पानी से लेकर फसलों तक का संकट झेलना पड़ेगा।