वन नेशन वन इलेक्शन (डिजाइन फोटो-नवभारत)
नई दिल्ली: ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ यानी एक देश एक चुनाव मोदी सरकार का अगला बड़ा कदम होने जा रहा है। इसे लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि संसद के अगले यानी शीतकालीन सत्र में इसे लेकर विधेयक सदन में पेश किया जा सकता है। दूसरी तरफ ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ रिपोर्ट को मंजूरी मिलते ही विपक्षी दलों में बौखलाहट का आलम देखने को मिल रहा है। कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के नेताओं की तल्ख बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट को आज यानी बुधवार को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। संसद के शीतकालीन सत्र में एक देश एक चुनाव विधेयक सदन में पेश किया जा सकता है। वहीं, विपक्षी दलों की तरफ से इसे लेकर विरोध देखने को मिल रहा है। जबकि एनडीए के घटक दलों के नेताओं के तरफ से पूरा समर्थन मिल रहा है।
Union Cabinet accepts recommendations of High-Level Committee on Simultaneous Elections
The Committee recommends that ‘One Nation, One Election’ be implemented in two phases. In the first phase: Lok Sabha and Assembly elections to be conducted simultaneously. In the second… pic.twitter.com/nRV2Q7u0dh
— ANI (@ANI) September 18, 2024
केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फैसले का विरोध किया है। एक राष्ट्र-एक चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है और इससे काम नहीं चलने वाला है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह फैसला लिया गया है। ठीक यही बात कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी दोहराई है।
#WATCH | On Cabinet nod to One Nation, One Election’, Congress leader Supriya Shrinate says, “Union Cabinet passes a lot of proposals on which it has to take a u-turn. ‘One Nation, One Election’ is a way to divert from real issues.” pic.twitter.com/SLvt1AjDtY
— ANI (@ANI) September 18, 2024
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद आम आदमी पार्टी नेता संदीप पाठक ने कहा कि कुछ दिन पहले, चार राज्यों के चुनावों की घोषणा होनी थी, लेकिन उन्होंने (भाजपा) केवल हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के लिए चुनावों की घोषणा की और महाराष्ट्र और झारखंड को छोड़ दिया। यदि वे चार राज्यों में एक साथ चुनाव नहीं करा सकते, तो वे पूरे देश में एक साथ चुनाव कैसे कराएंगे।
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सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि क्या होगा यदि कोई राज्य सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले गिर जाती है? क्या उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा? उन्होंने आगे कहा कि क्या यह राज्यों को अस्थिर करने की एक भयावह योजना है?”
#WATCH | On Cabinet nod to One Nation, One Election, AAP MP Sandeep Pathak says, “… Few days ago, elections for four states were to be announced, but they (BJP) announced elections for only Haryana and J&K and left Maharashtra and Jharkhand. If they cannot conduct elections in… pic.twitter.com/BM9dJr2VUb
— ANI (@ANI) September 18, 2024
एक देश एक चुनाव लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा एक राष्ट्र एक चुनाव के पक्ष में थे। सभी पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, राजनीतिक नेताओं, राजनीतिक दलों, चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ चर्चा की गई थी और आज आखिरकार कैबिनेट ने सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। देश के विकास और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव की जरूरत है। इस दौरान गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए कहा कि उनको बताना चाहिए कि क्या 1966 से पहले एक राष्ट्र एक चुनाव लागू था?
#WATCH | On Cabinet nod to One Nation, One Election’, Union Minister Giriraj Singh says, “PM Narendra Modi was always in favour of one nation one election. Discussions were held with all previous Chief Justices, political leaders, political parties, chamber of commerce, and today… pic.twitter.com/HbMjw3K9bh
— ANI (@ANI) September 18, 2024
एनडीए के घटक दल जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है, इसके दूरगामी परिणाम होंगे”
पटना: जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर कहा, “यह एक स्वागत योग्य कदम है, इसके दूरगामी परिणाम होंगे” pic.twitter.com/OgwAEtBmUW
— IANS Hindi (@IANSKhabar) September 18, 2024
पीएम मोदी ने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा बन रहे हैं। देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा। गौरतलब है कि भाजपा ने भी अपने चुनावी घोषणापत्र में एक राष्ट्र-एक चुनाव के मुद्दे को जगह दी है। भाजपा के साथ ही एनडीए के कई घटक दल भी इसके समर्थन में हैं।
केंद्र सरकार को एक राष्ट्र-एक चुनाव पर संविधान में संशोधन करना होगा, जिसके लिए इसे संसद में विधेयक के रूप में पेश करना होगा। इसके बाद केंद्र सरकार को इसे लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराना होगा। इतना ही नहीं संसद से पारित होने के बाद इस विधेयक को 15 राज्यों की विधानसभाओं से भी पारित कराना होगा। इन सबके बाद राष्ट्रपति इस विधेयक पर अपनी मुहर लगाएंगे।
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