(डिजाइन फोटो/ नवभारत)
नई दिल्ली: राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधानों वाले वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को गुरुवार (3 अप्रैल) को लंबी चर्चा के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से मंजूरी दे दी। इस विधेयक के बारे में सरकार ने दावा किया कि इसके कारण देश के गरीब और पसमांदा मुसलमानों के साथ इस समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में काफी मदद मिलेगी।
इसी के साथ संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी। लोकसभा ने बुधवार (2 अप्रैल) की देर रात करीब दो बजे इसे पारित किया था। वहीं, उच्च सदन ने विपक्ष की ओर से लाए गए कई संशोधनों को खारिज कर दिया। ऐसे में तमाम दावे के बीच सवाल उठ रहा है कि इस संशोधन से मुसलमानों को क्या फायदा होगा। आइए जानते हैं।
1 बेहतर पारदर्शिता और जवाबदेही
एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल वक्फ संपत्तियों पर नज़र रखेगा, जिससे कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार में कमी आएगी। वहीं, 1 लाख रुपये से अधिक आय वाले वक्फ संस्थानों के लिए अनिवार्य ऑडिट वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
2 वंचित मुसलमानों का आर्थिक उत्थान
वक्फ संपत्तियों से प्राप्त धन का बेहतर उपयोग कल्याणकारी कार्यक्रमों, गरीब और पिछड़े (पसमांदा) मुसलमानों की सहायता के लिए किया जाएगा।
3 विवाद समाधान को मजबूत बनाया गया
विधेयक में राइट टू अपील पेश किया गया है, जिससे पीड़ित पक्ष न्यायाधिकरण के फैसलों से असंतुष्ट होने पर अदालतों का दरवाजा खटखटा सकेंगे। तीन सदस्यीय न्यायाधिकरणों और उच्च न्यायालयों में अपील के माध्यम से त्वरित समाधान से लंबित मामलों में कमी आएगी।
4 समावेशी प्रतिनिधित्व
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए संशोधन बिल में राज्य और केंद्रीय वक्फ बोर्ड में महिलाएं (केंद्रीय बोर्ड में न्यूनतम 2), पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक संप्रदाय (शिया/सुन्नी) शामिल होंगे।
5 महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों का संरक्षण
महिलाओं को वक्फ घोषणा से पहले ही अपना उत्तराधिकार प्राप्त कर लेना चाहिए, जिससे उनके वित्तीय अधिकारों की सुरक्षा हो सके।
संशोधित वक्फ विधेयक में सरकार ने वक्फ बोर्डों को अनिवार्य अंशदान 7 प्रतिशत को 5 प्रतिशत कर दिया है, जिससे सामुदायिक कल्याण के लिए संसाधन उपलब्ध हुए।
7 भू-माफियाओं पर लगाम
सख्त दस्तावेजीकरण आवश्यकताओं (जैसे, स्वामित्व का प्रमाण) से वक्फ संपत्तियों पर धोखाधड़ी के दावों पर अंकुश लगेगा।
8 आधुनिक प्रबंधन
प्रौद्योगिकी-संचालित सुधार पंजीकरण और रिकॉर्ड-कीपिंग को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे दक्षता में सुधार होगा।
9 वैध वक्फ संपत्तियों का संरक्षण
जबकि “उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ” (मौखिक दावे) को समाप्त कर दिया गया है, मौजूदा पंजीकृत संपत्तियां संरक्षित रहेंगी।
10 धर्मनिरपेक्ष निरीक्षण के माध्यम से सशक्तिकरण
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य (केंद्रीय बोर्ड में अधिकतम 4) गैर-मुस्लिमों से जुड़े विवादों में निष्पक्षता सुनिश्चित करते हैं।
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सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य कुप्रबंधन को सुधारना है। उदाहरण के लिए धारा 40 को हटाने से मनमाने ढंग से वक्फ घोषणाओं पर रोक लगेगी, जिससे मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों तरह के भूस्वामियों को सुरक्षा मिलेगी।