बसपा अध्यक्ष मायावती व नेशनल को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद (सोर्स-सोशल मीडिया)
लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 के समय आकाश को दिया गया सियासी श्राप वापस लेने के बाद अब बसपा सुप्रीमो उनकी शक्तियों में और इजाफा करने वाली हैं। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सफाए के बाद मायावती चार राज्यों में होने वाले चुनाव के जरिए फिर से सियासी जमीन तलाशने की कोशिश कर रही हैं। यही वजह है कि मायावती पार्टी में जान फूंकने के लिए आकाश को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती भतीजे आकाश आनंद को और जिम्मेदारी देने जा रही हैं। आकाश फिलहाल बसपा में नंबर दो हैं। राष्ट्रीय समन्वयक होने के साथ ही वह मायावती के उत्तराधिकारी भी हैं। आकाश को और जिम्मेदारी देकर मायावती अपना बोझ कम करने जा रही हैं। 27 अगस्त को होने वाली बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती इस बारे में घोषणा कर सकती हैं।
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माना जा रहा है कि आकाश को इस साल देश के चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी दी जा सकती है। मायावती द्वारा बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। इससे पहले वर्ष 2019 में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। इसमें मायावती को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था। पार्टी संविधान के अनुसार हर पांच साल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है।
सबसे पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद देश के चार राज्यों में इस साल होने वाले चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी। महाराष्ट्र और झारखंड में गठबंधन पर मंथन होगा। हरियाणा में बसपा ने इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन किया है। जम्मू विधानसभा चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं।
इन राज्यों में होने वाले चुनावों पर भी बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा होगी। मायावती भाई आनंद कुमार के साथ भतीजे आकाश आनंद को भी जिम्मेदारी दे रही हैं। देश के अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी भी आकाश को देने की तैयारी है। आकाश की देखरेख में ही टिकटों का वितरण होगा। बताया जा रहा है कि आकाश राज्यवार पदाधिकारियों के साथ बैठक कर मायावती को रिपोर्ट देंगे। इसके साथ ही यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी आकाश अहम भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यूपी में वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हो सकती है।
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