अजीत प्रसाद की उम्मीदवारी घोषित करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव व सांसद अवधेश प्रसाद (सोर्स-सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले विधासभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों की कवायदें शुरू हो गई हैं। इस बीच सपा ने मिल्कीपुर सीट से उम्मीदवार तय कर दिया है। उम्मीदवार तय होने के साथ ही यूपी के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। क्योंकि एक तरफ बीजेपी ने इस सीट प्रतिष्ठा का सवाल बना रखा है तो दूसरी तरफ सपा प्रतिष्ठा पर चोट करने की फिराक में है।
लोकसभा चुनाव 2024 में मिल्कीपुर विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद बन जाने के बाद रिक्त हुई थी। जिसके बाद यहां बाकी अन्य 9 सीटो के साथ उपचुनाव होने हैं। जिसके लिए बीजेपी और सपा दोनों जद्दोजेहद में जुटी हुई है। सपा यहां अपना दबदबा बरकरार रखने की कोशिश में है तो वहीं बीजेपी लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट पर मिली हार का हिसाब चुकता करने का ख़्वाब संजो रही है।
अब यहां सपा ने तेजी दिखाते हुए उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को यहां से प्रत्याशी बनाया है। उम्मीदवारी के ऐलान के साथ सपा ने यहां जीत का दम भरना भी स्टार्ट कर दिया है। लेकिन बीजेपी की तरफ से मिल्कीपुर सीट की कमान खुद सीएम योगी ने संभाल रखी है। ऐसे में सपा के लिए राह आसान नहीं होगी।
श्री अजित प्रसाद मिल्कीपुर अयोध्या विधानसभा उप-चुनाव में सपा प्रत्याशी होंगे।
अयोध्या सांसद श्री अवधेश प्रसाद ने अपनी विधानसभा सीट छोड़ी है।
पार्टी 100% अपनी सीट जीतेगी। pic.twitter.com/XoCjnVBcdF
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 25, 2024
दूसरी तरफ अजीत प्रसाद को टिक देना सपा के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। क्योंकि बीजेपी विपक्षी दलों को हमेशा ही परिवारवाद के आरोप लगाकर चुनावों में घेरती रही है। ऐसे में अवधेश प्रसाद के बेटे को टिकट देना एक तरह से बीजेपी को अटैक करने के लिए खुला मैदान देने जैसा होगा।
दूसरी तरफ सपा के लिए अच्छी ख़बर यह है कि लोकसभा चुनाव के दौरान नाराज चल रहे आनंदसेन यादव एक बार फिर से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो यहां समाजवादी पार्टी को फायदा होने के उम्मीद है और बीजेपी के लिए भी चुनावी पनघट से जीत की गगरी भरना मुश्किल होने वाला है।