पूर्व सीएम मायावती, आकाश आनंद व अशोेक सिद्धार्थ
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की सभी ज़िम्मेदारियों से हटा दिया है, जिससे बसपा में बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया है। इस फैसले के पीछे उन्होंने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराया है। इतना ही नहीं, मायावती ने यह भी साफ कर दिया कि अब वह अपने अंतिम समय तक किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी।
रविवार को मायावती ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ऐलान किया कि अब आकाश आनंद बसपा में किसी भी पद पर नहीं रहेंगे। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि हाल ही में आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। मायावती के मुताबिक, अशोक सिद्धार्थ का उनकी बेटी पर और फिर आकाश आनंद पर प्रभाव पड़ रहा था, जिससे पार्टी को नुकसान हो रहा था।
मायावती ने अपने बयान में कहा, “आकाश आनंद की शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी से हुई है। ऐसे में हमें यह देखना होगा कि उन पर उनके ससुर का कितना प्रभाव है और उनकी पत्नी का आकाश पर कितना प्रभाव है। अब तक स्थिति ठीक नहीं दिख रही है। पार्टी के हित में आकाश को सभी ज़िम्मेदारियों से मुक्त किया गया है।”
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस स्थिति के लिए बसपा नहीं, बल्कि अशोक सिद्धार्थ पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं, जिन्होंने पार्टी को भी नुकसान पहुंचाया और आकाश आनंद का राजनीतिक करियर भी बर्बाद कर दिया।
कभी बसपा के भावी उत्तराधिकारी माने जाने वाले आकाश आनंद को लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान एक विवादित बयान देने के कारण मायावती ने पहले भी उनके उत्तराधिकारी का दर्जा वापस ले लिया था। हालांकि, बाद में उन्हें दोबारा जिम्मेदारी दी गई, लेकिन इस बार मायावती ने आखिरी फैसला लेते हुए उन्हें पूरी तरह से किनारे कर दिया।
इसी बीच, मायावती ने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए अपने छोटे भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय समन्वयक बना दिया है। साथ ही, रामजी गौतम को भी बसपा का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया है।
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मायावती के इस कड़े फैसले से बसपा में भी हलचल तेज हुई है, आकाश आनंद का भविष्य अधर में है, क्या वापसी संभव होगी और पार्टी पर किस तरह का असर पडे़गा।